नई दिल्ली: महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने के बाद भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ सियासी गलियों में इसका पुरजोर विरोध हो रहा है. कांग्रेस पार्टी ने उनके बयान को निंदनीय बताते हुए उन्हें पार्टी से निकालने की भी मांग की है. पार्टी का ये भी मनना है कि अगर साध्वी पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गयी तो देशभक्ति के नाम पर लोगों तक बहुत गलत संदेश पहुंचेगा. कांग्रेस के सांसदों ने भी लोकसभा से वॉकआउट किया है. इस पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी, सीपीएम नेता वृंदा करात, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले और बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने प्रतिक्रिया दी है.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी ने कहा, 'कल साध्वी प्रज्ञा ने जो कुछ भी कहा उसके लिए भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी को माफी मांगनी चाहिए. अगर साध्वी प्रज्ञा पार्टी में बनी रहती हैं तो उससे पूरे देश को ये यकीन हो जाएगा कि भाजपा महात्मा गांधी के रास्ते पर नहीं बल्कि नाथूराम गोडसे के रास्ते पर चलना चाहती है.'
उन्होंने कहा कि देश के गरीब और बेरोजगार लोगों को यही लगने लगेगा कि गोडसे के रास्ते पर चलना ही राष्ट्रभाक्ति का सही रास्ता है.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की नेता वृंदा करात ने सांसद के रूप में प्रज्ञा ठाकुर को तत्काल हटाने की मांग की.
वहीं, पूरे मामले पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि साध्वी प्रज्ञा को रक्षा मंत्रालय की कमेटी से हटा दिया गया है. संसद के शीतकालीन सत्र में बीजेपी की संसदीय दल की जितनी भी बैठक होगी, उसमें साध्वी प्रज्ञा के जाने पर रोक लगा दी गई है, बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा पर कार्रवाई की है.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि भाजपा द्वारा उन्हें रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति से निकालने का फैसला बिल्कुल सही है. साथ ही उन्होंने कहा कि रामदास संसद से साध्वी प्रज्ञा को हटाने का फैसला लोकतांत्रिक है लेकिन जिस तरीके से भाजपा ने इस विवादित टिप्पणी के बाद उन पर कार्रवाई की है वह ठीक है. उन्होंने कहा कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर बार-बार उल्टे-सीधे बयान देती रहती हैं और मुझे उम्मीद है कि वह ऐसी टिप्पणी दोबारा नहीं करेंगी.