नई दिल्ली : विधि मंत्रालय ने कहा कि बच्चों और महिलाओं के बलात्कार से संबंधित 1.60 लाख से अधिक मामलों के निपटारे के लिए 24 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश 1,023 विशेष त्वरित अदालतें (एफटीएससी) की स्थापना के लिए एक योजना में शामिल हुए हैं.
ये मामले देश भर की विभिन्न अदालतों में लंबित हैं.
मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि कुल 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से अब तक 24 राज्य इस योजना में शामिल हो चुके हैं.
इन प्रदेशों में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, दिल्ली, नगालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, चंडीगढ़, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में शामिल हैं.
मिजोरम, सिक्किम, मेघालय, केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख और पुडुचेरी इस योजना में अभी तक शामिल नहीं हुए हैं. मंत्रालय के एक दस्तावेज के अनुसार इन विशेष अदालतों में से प्रत्येक से प्रति वर्ष 165 ऐसे मामलों को निपटाने की उम्मीद की जाती है.