नई दिल्ली : सांसदों ने संसद की कैंटीन में खाद्य वस्तुओं पर मिलने वाली सब्सिडी को छोड़ने का सर्वानुमति से निर्णय किया है.
सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. सूत्रों के अनुसार यह निर्णय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सुझाव के बाद किया गया है. इनका मानना है कि इतना अधिक सब्सिडी देना उपयुक्त नहीं है .
उन्होंने बताया कि सब्सिडी समाप्त होने से सालाना 17 करोड़ रुपये बचाया जा सकेगा. यह निर्णय लागू होने के बाद खाद्य पदार्थो की कीमतें लगभग दोगुनी हो जायेगी .
गौरतलब है कि संसद भवन के कैंटीन में सब्सिडी लम्बे समय से विवादास्पद मुद्दा रहा है और कुछ वर्ष पहले इसमें कटौती की गई थी .
संसद की कैंटीन में खाने के दाम लोकसभा अध्यक्ष के साथ बैठक के बाद कार्य मंत्रणा समिति में विभिन्न दलों के नेताओं ने सब्सिडी समाप्त करने के संबंध में निर्णय किया.
भाजपा नेता और कार्य मंत्रणा समिति के सदस्य राजीव प्रताप रूडी ने कहा, 'स्पीकर की पहल पर कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में यह निर्णय किया गया. सांसदों का मत है कि यह उपयुक्त नहीं है.'
इसमें 17 करोड़ रुपये की सब्सिडी में से 14 करोड़ रुपये अभी संसद कर्मचारियों एवं वहां आने वाले अन्य लोगों के मद में जाता है जबकि तीन करोड़ रुपये सांसदों के मद में जाता है.
सब्सिडी समाप्त करने के निर्णय के बाद कीमतों के दोगुनी वृद्धि होने की संभावना है . एक प्लेट बिरायानी अभी 56 रूपये में मिलती है जो बढ़कर 112 रुपये हो सकती है .
संसद भवन परिसर में कई कैंटीन है जो आईआरसीटीसी द्वारा संचालित है.