हैदराबाद : ललन पासवान ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है. जब से उन्होंने लालू यादव से की गई बातचीत का एक ऑडियो वायरल किया है, हर कोई उनके बारे में जानना चाहता है. कौन हैं ललन पासवान और कहां से आते हैं वह.
47 साल के पासवान भागलपुर जिले के इशिपुर बरहट गांव से आते हैं. भाजपा की टिकट पर पीरपैंती से वह पहली बार विधायक बने हैं. ईटीवी भारत ने उनसे विशेष बातचीत की. उनके बारे में कई नई जानकारियां मिलीं. पासवान पेशे से इंजीनियर हैं. उन्होंने 1996 में मुजफ्फरपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से बीटेक की डिग्री प्राप्त की. भागलपुर से स्कूली शिक्षा ली.
लालू यादव की राजनीति से थे प्रभावित
पासवान ने बताया कि पढ़ाई के समय से ही वह लालू यादव की राजनीति से प्रभावित थे. वह उन्हें अपना आदर्श मानते थे, क्योंकि उन्होंने पिछड़ों के लिए आवाज उठाई थी. जिस तरीके से सामाजिक न्याय का मुद्दा उठाया, वह उन्हें अच्छा लगता था. हालांकि, पासवान ने बताया कि वह लालू से राजनीतिक रूप से कभी नहीं जुड़े.
वह आगे बताते हैं कि उनके मन में लालू के प्रति जो इज्जत थी, वह जल्द ही कम होने लगी. क्योंकि वह प्रजातंत्र के रास्ते से इतर जा रहे थे. पासवान ने बताया कि जब वह इंजीनियरिंग का अध्ययन कर रहे थे, उस समय लालू ने प्रमोशन में आरक्षण का विरोध किया था. यह देखते ही उनके मन में लालू के प्रति मोह टूट गया. उन्होंने कहा कि राबड़ी की सरकार संभवतः पहली सरकार थी, जिसने इसके खिलाफ कदम उठाया था.
उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी की सरकार द्वारा उठाए गए कदम से बहुत सारे लोगों का डिमोशन हो गया, जिन्हें प्रमोशन मिल चुका था. सीनियर एग्जक्यूटिव इंजीनियर को एग्जक्यूटिव बना दिया गया. इंस्पेक्टर को डिप्टी बना दिया गया. पहली बार मैंने लालू का असली चेहरा देखा. मुझे लगा कि वह अनुसूचित जाति/जनजाति और दलितों के खिलाफ हैं. इस घटना के बाद उनके प्रति मेरे मन में कोई इज्जत नहीं रह गई थी.
जाते रहे हैं शाखा
पासवान ने कहा कि शुरुआती दिनों में वह किसी की मदद से लालू से मिले थे. उस समय पीरपैंती से शोभा कांत मंडल विधायक थे. वह राजद से आते थे. उन्होंने ही मुझे लालू से मिलने में मदद की थी. उस समय वह लालू को जन्मदिन की बधाई देने गए थे. एकाध और मौके पर मैंने लालू से मुलाकात की होगी.