भुवनेश्वर : ओडिशा राज्य अपनी अद्भुत परंपराओं के लिए जाना जाता है. यहां कईं ऐसी जनजातियां हैं, जिनके आस्था और परंपराएं बिल्कुल अनोखी हैं. ऐसी ही एक परंपरा यहां के चकोतिया भुंजिया आदिवासी समुदाय की है, जो किसी को भी सुनने में थोड़ी अजीब जरूर लगेगी.
अब इसे अटूट विश्वास कहें या फिर अंधविश्वास, इस समुदाय के लोगों की आस्था और परंपरा अद्वितीय है.
प्रकृति की गोद में बसे भुंजिया समुदाय के इन लोगों का विश्वास लाल बंगले से जुड़ा है. जी हां, 'लाल बंगला', जिसे अगर कोई बाहरी व्यक्ति छू ले तो इसे या तो ध्वस्त कर दिया जाता है या फिर जला दिया जाता है और इसके तुरंत बाद समुदाय के लोग उपवास रखते हैं और फिर एक नया लाल बंगला बनाया जाता है.
सबसे दिलचस्प बात तो यह कि इस लाल बंगले के निर्माण में सीमेंट, रेत या पत्थर का इस्तेमाल नहीं होता बल्कि इसे मिट्टी से इसे बनाया जाता है और फिर खतरे के संकेत के रूप में इस पर लाल रंग किया जाता है.
लाल बंगले को पवित्र मानते हैं चकोतिया भुंजिया
आपको बता दें समुदाय के लोग लाल बंगले को बहुत पवित्र मानते हैं. यह उनका रसोईघर होता है. इसके साथ ही यहां ये लोग अपने कुल देवताओं, पूर्वजों की मूर्तियों या उनसे जुड़ी चीजों को संरक्षित करके रखते हैं. यहां उनकी पूजा की जाती है.
रहस्यमयी है लाल बंगले की कहानी
इस लाल बंगले के पीछे की कहानी जितनी दिलचस्प है, उतनी ही रहस्यमयी भी है. परिवार के किसी भी सदस्य का यहां सोना या शरण लेना बिल्कुल वर्जित है. इसी तरह विवाहित बेटियों को भी इसे छूने की अनुमति नहीं है.