हैदराबाद :कोरोना महामारी के कारण सामने आई कई बाधाओं जैसे एक तरफ रोजगार का न रहना और आजीविका चलाना मुश्किल हो जाना, तो दूसरी तरफ शिक्षा के लिए माता-पिता और बच्चों द्वारा किया जा रहा संघर्ष! यह समस्या सिर्फ गरीबों के साथ ही नहीं है बल्कि मध्यम वर्ग के माता-पिता के लिए भी मुसीबत बनती जा रही है.
परिवारों के लिए अपने बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा मुहैया कराने के लिए समार्टफोन और टैब खरीदना, टीवी लगाना और इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा दे पाना मुश्किल होता जा रहा है. जबकि सरकार टेलीविजन के माध्यम से छात्रों को पढ़ाने की बात कर रही है, छात्रों को अपना होमवर्क करने और अपनी शंकाओं को दूर करने के लिए फोन पर निर्भर रहना पड़ता है.
ऐसी स्थिति में, माता-पिता को अपने बच्चों के लिए स्मार्ट फोन खरीदना होगा, जबकि अन्य टीवी खरीद रहे हैं. ऐसे लोग हैं, कुछ अभिभावकों को उनके बच्चों द्वारा फोन खरीदने के लिए लगातार दबाव डाला जा रहा है, चाहे उन्हें जरूरत हो या न हो. कठिनाइयां सिर्फ यहीं नहीं रुकतीं, पेड़ों और टीलों पर चढ़कर इंटरनेट सिग्नल को तलाशने और डेटा गति को प्राप्त करने के संघर्ष से हर कोई भलीभांति वाकिफ है.
तेलंगाना के कई शिक्षकों ने तेलुगु अखबार 'ईनाडु' को बताया, 'शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार वॉट्सएप ग्रुप बनाए गए थे. इसमें हम गृहकार्य, निर्देश और सुझाव भेजते हैं. उसके बाद, छात्रों को गृहकार्य करने और उत्तर पुस्तिकाओं की तस्वीरें भेजने के लिए कहा जाता है. यह अभ्यास विशेष रूप से उन छात्रों के लिए आवश्यक है, जो 7वीं और 10वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं. इसीलिए ऐसे छात्रों के अभिभावकों से स्मार्टफोन खरीदने के लिए कहा गया था.'
उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे कई लोग हैं जो टीवी और स्मार्टफोन खरीदने की हालत में नहीं हैं, जिसके कारण उनके बच्चे शिक्षा से दूर होते जा रहे हैं. शिक्षक संघ के नेता इस बात से सहमत हैं कि कोरोना के कारण अपनी नौकरी खो चुके गरीब, मध्यम और निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह एक असहनीय बोझ है. यह 'आग में घी डालने' जैसी स्थिति है. संघर्ष सिर्फ यहीं नहीं थमते, छात्रों को रोज पेड़ों और टीलों पर चढ़कर इंटरनेट सिग्नल और डेटा की तेज गति भी तलाशनी होती है ताकि वह बिना तकनीकी रुकावट के पढ़ाई कर सकें.
कुछ स्कूलों की स्थिति
- आदिलाबाद जिले के उतनूरु जिला परिषद हाई स्कूल में 10वीं कक्षा के 'ए' सेक्शन में 32 छात्र हैं और उनमें से सिर्फ 17 के पास स्मार्टफोन हैं. इन छात्रों में भी, लगभग 10 छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने इस महीने के पहले सप्ताह में स्मार्टफोन खरीदा है.
- असिफाबाद ज़ोन के कोमाराम भीम जिले के केरमेरी मंडल में एक प्राथमिक स्कूल है, जिसमें तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षाओं में कुल 204 छात्र हैं. इनमें से लगभग 30 छात्रों ने इस महीने नए स्मार्टफोन खरीदे हैं. जो लोग स्मार्टफोन खरीदने की स्थिति में नहीं थे, उनके बच्चे पंचायत कार्यालय में टेलीविजन पर चलाई जाने वाली कक्षाओं से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.
- मेडचल डिस्ट्रिक्ट राजपत्रित प्राचार्य संघ के अध्यक्ष मुरलीकृष्ण ने सदस्यों के संज्ञान में यह तथ्य लाते हुए रोटरी क्लब के प्रतिनिधियों से संपर्क किया है कि मेडचल जिले में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो स्मार्टफोन होने के बावजूद इंटरनेट डेटा रिचार्ज नहीं कर सकते हैं. ऐसे लोगों की मदद की गई है. रोटरी क्लब ने कुकुर हाई स्कूल में 40 छात्रों के फोन को तीन महीने के लिए डेटा रिचार्ज करने में मदद की.
- आदिलाबाद ग्रामीण क्षेत्र के अंकोली हाई स्कूल में 327 छात्र हैं, जिनमें से 37 के पास टेलीविजन सेट नहीं हैं. इनमें से केवल 151 बच्चों के पास फोन थे.