बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने पीएम नरेंद्र मोदी के इसरो जाने को लेकर अजीब बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इसरो मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी 'अशुभ' साबित हुई होगी जिसके कारण 'चंद्रयान-2' मिशन के लैंडर विक्रम की 'सॉफ्ट लैंडिंग' असफल हो गई. उनके बयान के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है.
कुमारस्वामी ने मैसूर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैं नहीं जानता, लेकिन संभवत: वहां उनके कदम रखने का समय इसरो वैज्ञानिकों के लिए अपशगुन लेकर आया.'
उन्होंने कहा कि मोदी छह सितंबर को देश के लोगों को यह संदेश देने के लिए बेंगलुरु पहुंचे कि चंद्रयान के प्रक्षेपण के पीछे उनका हाथ है, जबकि यह परियोजना 2008-2009 के दौरान की संप्रग सरकार और वैज्ञानिकों का परिणाम थी.
कुमारस्वामी ने कहा, 'बेचारे वैज्ञानिकों ने 10 से 12 साल कड़ी मेहनत की. 'चंद्रयान-2' के लिए कैबिनेट की मंजूरी 2008-09 में दी गई थी और इसी साल फंड जारी किया गया था.'
उन्होंने कहा, 'वह (मोदी) यहां प्रचार पाने के लिए आए, जैसे मानो 'चंद्रयान-2' का प्रक्षेपण उन्हीं के कारण हुआ.'