भारतीय अधिकारियों ने कोरोना वायरस के संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी कोरोना रिसोर्स सेंटर के अनुसार, दुनियाभर में संक्रमण से पुष्ट किए गए कुल मामलों की संख्या 3.1 लाख से ऊपर पहुंच गई है और इनमें 13,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देशभर में एक दिन के लिए जनता कर्फ्यू लगाया गया. वहीं भारतीय रेलवे ने राज्य सरकारों के शीर्ष अधिकारियों के साथ मुख्य सचिव की एक बैठक के बाद महीने के अंत तक पैसेंजर, उप नगरीय और मेट्रो ट्रेनों को निलंबित रखने की घोषणा की.
केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा कि उप नगरीय रेल सेवाओं सहित 31 मार्च 2020 तक सभी ट्रेन सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं. हालांकि मालगाड़ियों को छूट दी गई है.
भारत की विशाल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली से कोरोना वायरस के फैलने का सबसे बड़ा खतरा है. रेल मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध नवीनतम जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय वाहक प्रतिदिन 21,000 यात्री और मालगाड़ियों का परिचालन करता है और 2.3 करोड़ (23 मिलियन) यात्रियों को दैनिक आधार पर स्थानांतरित करता है.
अधिकारियों के पास इस विशाल परिवहन नेटवर्क को बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था क्योंकि वे देश को कोविड-19 संक्रमण के तीसरे चरण की ओर खिसकने नहीं देना चाहते थे.
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कोविड-19 को फैलने से कैसे रोका जाए.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कोरोना से बुरी तरह प्रभावित कुछ देशों का उल्लेख किया था, जहां संक्रमण के सामने आने वाले मामलों की संख्या में अचानक विस्फोट हुआ था.
सरकार के एक बयान में बताया गया, 'कोविड-19 के खतरे को देखते हुए यह सहमति व्यक्त की गई कि 31 मार्च 2020 तक अंतरराज्य परिवहन बसों सहित गैरआवश्यक यात्री परिवहन के आवागमन पर प्रतिबंध बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है.
राज्य सरकारों द्वारा संचालित अंतरराज्य परिवहन बस सेवा देश में सार्वजनिक परिवहन का दूसरा पसंदीदा साधन है और राज्य के बाहर के संक्रमित लोगों का प्रवेश रोकने के लिए इन सेवाओं को निलंबित करना आवश्यक माना गया.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डॉ. बलराम भार्गव ने कहा, 'इस वायरस का फैलाव रोकने का सबसे आसान तरीका बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाना है.' राज्य खुद को बचाने के लिए लॉकडाउन का सहारा लेते हैं
आज, केंद्र सरकार ने देश के कुल 720 जिलों में से 75 में सभी गैरजरूरी सेवाओं को प्रतिबंधित करने का भी राज्यों से आग्रह किया, जहां कोविड-19 वायरस संक्रमण के मामलों की पुष्टि की गई है.