पटना :बिहार का आखिरी छोर और नेपाल से बिल्कुल सटे किशनगंज जिले का ठाकुरगंज कई मायनो में ऐतिहासिक माना जाता है. कहा जाता है कि यहां पांडवों ने अपना अज्ञातवास बिताया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ठाकुरगंज के महाभारत कालीन धरोहर को बचाकर पर्यटन स्थल करने की कोशिश की. इसी साल महाभारत कालीन भातडाला पोखर का सुंदरीकरण कर उद्घाटन भी किया. दो देशों के बीच बसा ठाकुरगंज व्यापार का भी बड़ा केंद्र भी है. यहां आधा दर्जन से अधिक टी प्रोसेसिंग प्लांट और कई अन्य फैक्ट्रियां हैं. जिसके कारण यहां से राज्य सरकार को सबसे अधिक राजस्व प्राप्त होता है. यहां बड़े पैमाने पर चायपत्ति और अनानास के साथ ड्रैगनफ्रूट की खेती होती है. इन तमाम खूबियों के साथ किशगंज राजनीतिक रूप से भी बेहद खास है. किशनगंज जिले के 53 ठाकुरगंज विधानसभा से लोजपा प्रत्याशी कलीमुद्दीन चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इस सीट पर महिला वोटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं इसलिए हर पार्टी इन्हें अपने पाले में लाना चाहता है.
किशनगंज जिले के 53 ठाकुरगंज और 55 कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र से लोजपा ने अपना प्रत्याशी चुनावी मैदान पर उतारा है. ठाकुरगंज लोजपा के लिए खास सीट है. इस बार चिराग पासवान ने यहां कलीमुद्दीन को अपना उम्मीदवार बनाया है. 2015 में यहां से जेडीयू के नौशाद आलम विजयी हुए थे. जबकी दूसरे नंबर पर लोक जनशक्ति पार्टी यानी लोजपा के गोपाल कुमार अग्रवाल रहे थे. नौसाद ने 2010 में लोजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन जीतने के बाद वे पाला बदलकर जेडीयू में शामिल हो गए थे. वहीं, कोचाधामन से चिराग ने हबीबुर्रहमान को अपना प्रत्याशी घोषित किया है.
महिलाओं को पसंद आ रहा बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट
ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र के कई युवा मतदाता चिराग पासवान पर उम्मीद जता रहे हैं. उनका बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट नारा जमीन पर मुस्लिम महिलाओं को खासा पंसद आ रहा है. युवाओं का कहना है कि लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान युवा हैं और युवा होने के नाते युवाओं का दर्द समझते हैं. लोजपा की सरकार बनी तो बिहार में बेरोजगारी बदहाल शिक्षा स्वास्थ व्यवस्था दूर होगी और एक नए बिहार चिराग पासवान बनाएंगे. कई मुस्लिम महिलाओं ने चिराग पासवान पर भरोसा जताते हुए कहा कि उन लोगों को उम्मीद है चिराग पासवान एक नया बिहार बनाएंगे, जिसमें बिहारी फर्स्ट और बिहार फर्स्ट होगा. उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार बिहार में शिक्षा स्वास्थ रोजगार के मामले में नाकाम है. खासकर ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र में युवा महिला और पुरुष मतदाताओं में चिराग पासवान के प्रति विश्वास देखने को मिल रहा है. वहीं, लोजपा सीमांचल के एक दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं खासकर जहां जहां जदयू ने प्रत्याशी खड़े किए हैं. उन्हीं सीटों से लोजपा भी अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं.
''चिराग पासवान एक युवा नेता हैं और बिहार के विकास के लिए ही अकेले लड़ रहे हैं. वे युवा हैं इसलिए वे बेहतर तरीके से समझ सकते हैं कि युवाओं को किस तरह का रोजगार चाहिए. इसलिए लोजपा प्रत्याशी कलीमुद्दीन को यहां के युवा जरूर वोट देंगे.''- सानिया
''युवा नेता हैं और वे बिहार के लोगों के रोजगार के बारे में सोच रहे हैं. उनसे बहुत उम्मीदें हैं उनके आने से शिक्षा और रोजगार के अवसर बेहतर होंगे. उनका बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट का नारा अच्छा है''- आलम आरा
''चिराग गरीबों की हमेशा मदद करते हैं और वे अच्छे नेता हैं उनसे बहुत उम्मीदें हैं वे आगे भी अच्छा करेंगे''- नाजिया इकबाल
''चिराग पासवान युवा नेता हैं और गरीबों के लिए काम करते हैं. वे महिलाओं को भी सुरक्षा दे पाएंगे''- अंजुम
ठाकुरगंज का चुनावी मुद्दा
⦁ फूड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना.
⦁ आखिर कब ठाकुरगंज बनेगा अनुमंडल.
⦁ चाय उत्पादक किसानों के उत्थान के लिए टी-सिटी का दर्जा दिलाने की मांग.
ठाकुरगंज की मुस्लिम लड़कियों का क्या है मुद्दा
बिहार विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियो के नेता महिलाओं के सम्मान और हक की बात कर रहे हैं. ठाकुरगंज विधानसभा की लड़कियों और महिलाओं के बीच उनकी शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान मुख्य मुद्दा है. यहां की लड़कियों का कहना है कि एनडीए के शासनकाल में उन्हे उनका हक और सम्मान मिला. उन्हें तीन तलाक से मुक्ति मिली, शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम हुआ और शराबबंदी के बाद पुरुष घर पर ध्यान देने लगे.
''कोई भी शौहर शराब पीने के बाद गुस्से में अपनी पत्नी को तीन बार तलाक दे देता था और महिला की जिंदगी बरबाद कर देता था. इसमें औरत सही या गलत है कोई मायने नहीं रखता था. इसलिए तीन तलाक को खत्म करने का फैसला एक बहुत अच्छा फैसला था.''-नजमा खातुन