नई दिल्ली : कोरोना, लॉकडाउन और ग्रहों की स्थिती के बीच शुभ कार्य 148 दिनों से बंद पड़े थे. इस साल जनवरी और फरवरी में ही ज्यादातर विवाह हुए हैं. मार्च में होलाष्टक के कारण मुहूर्त नहीं थे. इसके बाद कोरोना के चलते मई तक बहुत ही कम शादियां हुईं. फिर अनलॉक शुरू होने के बाद 31 मई से 8 जून तक शुक्र अस्त होने से मुहूर्त नहीं थे.
जून में सिर्फ 7 दिन मुहूर्त थे. इसके बाद 1 जुलाई को एकादशी पर देवशयन हो गया और चातुर्मास लग गया. अधिक मास की वजह से इन 5 महीनों में कोई शुभ मुहूर्त नहीं था. इतने लंबे इंतजार के बाद आखिर वो 25 नवंबर की घड़ी आ ही गई, जब विवाह और अन्य मांगलिक काम शुरू हो जाएंगे.
नवंबर में 2 और दिसंबर में 7 विवाह के मुहूर्त
वाराणसी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश प्रसाद मिश्र बताते हैं कि 25 नवंबर को देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन विवाह का मुहूर्त है. ज्योतिषाचार्य मिश्र आगे कहते हैं कि देश के कई हिस्सों में इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है, इसलिए इस दिन विवाह और हर तरह के मांगलिक काम किए जाते हैं, लेकिन ग्रंथों में इसे अबूझ मुहूर्त नहीं कहा गया है.
इस बार नवंबर में 25 और 30 तारीख को विवाह के मुहूर्त रहेंगे. इसके बाद दिसंबर में 1, 2, 7, 8, 9, 10 और 11 तारीख को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं. इसके बाद अगले चार महीने तक एक भी मुहूर्त नहीं है.
पढ़ें-प्रबोधिनी एकादशी पर बन रहा दुर्लभ संयोग, आरंभ हो जाएंगे विवाह