हैदराबाद : कोरोना वायरस महामारी से जंग लड़ने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक दिनरात वैक्सिन की खोज में जुटे हुए हैं. पहले, ग्लेन फार्मा ने कोरोना के खिलाफ एक दवा लॉन्च की, उसके बाद हेटेरो लैब्स और फिर तीसरी दवा मुंबई की सिप्ला कंपनी ने कोरोना मरीजों के लिए लॉन्च की. इस श्रृंखला में, पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक आयुर्वेदिक दवा बनाई है. दवा को दिव्य फार्मेसी, हरिद्वार और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, हरिद्वार के द्वारा लॉन्च किया गया. बाबा रामदेव का कहना है कि यह आयुर्वेदिक दवाई कोरोना के खिलाफ लड़ने में कारगर सिद्ध होगा.
योग गुरु रामदेव और पतंजलि के सीईओ बालकृष्ण ने इस दवा के नैदानिक परीक्षण के परिणाम प्रस्तुत किए. यह दवा पतंजलि अनुसंधान संस्थान और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, जयपुर द्वारा बनाई गई है. कंपनी का दावा है कि 'कोरोनिल' का क्लिनिकल नियंत्रण परीक्षण अंतिम चरण में है. वर्तमान में, यह हरिद्वार और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड में दिव्य फार्मेसी द्वारा निर्मित है.
इंदौर, जयपुर में नैदानिक परीक्षण, 100% परिणाम का किया दावा
नियामक से मंजूरी के बाद, दवा के नैदानिक परीक्षण इंदौर और जयपुर में किए गए. जैसे ही कोविड -19 के प्रकोप के बाद से ही वैज्ञानिकों का एक दल इस कार्य में लगा हुआ था. पतंजलि के सीईओ के अनुसार, इस दवा का 100% परिणामों के साथ सैकड़ों कोरोना पॉजिटिव पर नैदानिक परीक्षण किया गया था. उनका दावा है कि कोरोनिल कोविड -19 रोगियों को 5 से 14 दिनों में ठीक कर सकता है.
कोरोनिल किट सिर्फ 545 रुपये में उपलब्ध है
कोरोनिल किट सिर्फ 545 रुपये में उपलब्ध कराया जाएगा और यह किट 30 दिनों के लिए है. यह किट पतंजलि स्टोर पर एक हफ्ते में उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही कोरोना किट की डिलीवरी के लिए एक एप भी लॉन्च किया जाएगा.
'कोरोनिल' की सामग्री
कोरोनिल में गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, सवासरी के रस का मिश्रण है. उनके अनुसार, यह दवा दिन में दो बार सुबह और शाम ली जा सकती है.
वायरस से कैसे लड़ता है कोरोनिल
पतंजलि के अनुसार, अश्वगंधा कोविड -19 के रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (आरबीडी) को शरीर के एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंजाइम (एसीई) से बांधने की अनुमति नहीं देता है. इससे कोरोना मानव शरीर की स्वास्थ्य कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर सकता है. वहीं, गिलोय कोरोना संक्रमण को रोकता है. तुलसी कोविड -19 के आरएनए पर हमला करता है और इसे बढ़ने से रोकता है.
सवासरी वटी टैबलेट के साथ उपलब्ध होग
'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' 23 जून से बाजार में उपलब्ध होगी. कंपनी इसके साथ सवासरी वटी टैबलेट भी बेचेगी. शवासारि का रस गाढ़ा बलगम बनने से रोकता है.
भारत में कई कोरोना दवाएं उपलब्ध हैं
मुख्य रूप से देश में कोविड -19 के उपचार के लिए तीन दवाओं - सिप्रेमी, फैबीफ्लू और कोविफोर का उपयोग किया जा रहा है. सिप्रेमी और कोविफ़ोर एंटीवायरल ड्रग रेमोदीवीर के जेनेरिक संस्करण हैं. फैबफ्लू टैबलेट वास्तव में इन्फ्लूएंजा दवा फेविपिरवीर का एक सामान्य रूप है. इन तीनों को हाल ही में मंजूरी मिली है. यह देखना बाकी है कि पतंजलि के 'कोरोनिल' टैबलेट को सरकार से कोरोना के इलाज में इस्तेमाल करने की अनुमति मिलती है या नहीं.
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जानिए इन दवाओं के बारे में :-
फैबीफ्लू (Fabiflu)
• हल्के से मध्यम कोविड -19 मरीजों के उपचार के लिए इस दवा का उपयोग किया जाएगा
• दवा ओरल रूप में होगी