हैदराबाद : मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ अब कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक नहीं रहेंगे. चुनाव आयोग ने कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया है. चुनाव आयोग की इस कार्रवाई के खिलाफ अब कांग्रेस कोर्ट का रुख करने वाली है. कोरोना के साए में बिहार में विधानसभा चुनाव और कई राज्यों में उपचुनाव हो रहे हैं. मध्य प्रदेश में भी उपचुनाव हो रहे हैं. कोरोना को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग ने इस बार स्टार प्रचारकों की संख्या सीमित कर दी थी. सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय दलों के लिए स्टार प्रचारकों की अधिकतम संख्या 30 कर दी. गैर-मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दलों के लिए ये संख्या 15 कर दी गई. आमतौर पर मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय दलों के लिए स्टार प्रचारकों की अधिकतम संख्या 40 तय है और गैर-मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दलों के लिए 20. मगर कोरोना के कारण निर्वाचन आयोग ने इस बार संख्या कम की है. आइए आपको बताते हैं, क्या होते हैं स्टार प्रचारक और चुनावों में इनकी क्या भूमिका रहती है. क्यों कांग्रेस चुनाव आयोग की कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट का रुख करने वाली है. स्टार प्रचारक में ऐसी क्या बात है?
स्टार प्रचारक के लिए निर्वाचन आयोग के नियम
निर्वाचन आयोग के नियम कहते हैं कि मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दल अपने लिए ज्यादा से ज्यादा 40 स्टार प्रचारक रख सकते हैं. एक गैर-मान्यता प्राप्त पंजीकृत दल के लिए ये सीमा 20 स्टार-प्रचारकों की है. चुनावों के दौरान संबंधित चरण की अधिसूचना जारी होने के 7 दिनों के भीतर दलों को अपने स्टार प्रचारकों के नामों की लिस्ट आयोग को सौंपनी होती है. अभी यह समय बढ़ाकर 10 दिन कर दिया गया है. दरअसल, जब नामांकन पत्र दाखिल होते हैं तो उसके साथ ही स्टार प्रचारकों की लिस्ट भेजी जाती है, लेकिन 2009 में चुनाव आयोग ने एक सर्कुलर जारी करके कहा था कि चुनाव के ऐलान के बाद किसी भी वक्त इन प्रचारकों की लिस्ट भेजी जा सकती है. यही नहीं, अगर कई चरणों में चुनाव होने हैं तो अलग-अलग चरण के लिए भी लिस्ट भेजी जा सकती है और लिस्ट भेजने के बाद उसमें नाम भी जोड़े जा सकते हैं.
क्या होती है स्टार प्रचारक की भूमिका?
स्टार प्रचारकों पर सबकी नजरें होती हैं. ये ऐसे नेता और सिलेब्रिटी होते हैं, जिन्हें देखने सुनने भारी भीड़ उमड़ती है. इनका लोगों पर खासा प्रभाव होता है. स्टार प्रचारक अपने दमदार भाषणों से अपनी पार्टी और उम्मीदवार के लिए वोट खींचने का काम करते हैं. इनकी सभाएं ऐसे इलाकों में रखी जाती हैं, जहां वोट मिलने की संभावना ज्यादा होती है. चुनाव कोई भी हो इसे जीतने के लिए पार्टी ऐसे नेताओं और सिलेब्रिटी को प्रचार के लिए उतारती है, जिन्हें देखने सुनने भारी भीड़ उमड़े. स्टार प्रचारक को कोई भी दल अपनी स्वेच्छा से उसकी सहमति मिलने पर चुन सकता है.