हैदराबाद : देशभर में फैली कोरोना महामारी की वजह से लाखों लोगों के रोजगार छिन गए और वे अपने गृह राज्य लौट गए. प्रधानमंत्री मोदी ने आज इन प्रवासी मजदूरों के लिए बड़े तोहफे का एलान किया है. उन्होंने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'गरीब कल्याण रोजगार योजना' अभियान का शुभांरभ किया. इस अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर ब्लॉक के तेलिहार गांव से शुरुआत की. इस योजना के शुभारंभ के बाद पीएम मोदी ने कहा कि इसके तहत अब प्रवासी मजदूरों को उनके घर के पास ही रोजगार मिलेंगे. उन्हें अन्य राज्यों में जाने की जरूरत नहीं है.
गरीब कल्याण रोजगार योजना
- इस योजना के तहत गांवों में 25 प्रकार के बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) संबधी कार्य उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसके तहत प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिलेगा.
- यह योजना देश के छह राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश राजस्थान ओडिशा और झारखंड शामिल हैं.
- इन राज्यों के 116 जिलों को प्रवासी मजदूरों को इस योजना का लाभ मिलेगा. प्रत्येक जिले के 25,000 मजदूरों को लाभ मिलेगा.
- इस योजना के तहत बिहार के 32 जिले जोड़े गए हैं, जो अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है.
- हम आपको बता दें कि यदि आप प्रवासी मजदूर हैं, तो आप इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपको क्या करना होगा.
- इस योजना का उद्देश्य मजदूरों को उनकी रुचि और कौशल के तहत रोजगार और स्वरोजगार प्रदान करना है.
- इस योजना में भी मनरेगा मजदूरी के अनुसार दैनिक मजदूरी दी जाएगी. बता दें कि मनरेगा में 100 दिन का कार्य होता है. वहीं इस योजना में 125 दिन का रोजगार होगा.
- इस योजना में भी मनरेगा के बराबर 202 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी जाएगी. यानी कि एक मजदूर को एक वर्ष में 25,250 रुपये मिलेंगे.
इस योजना के तहत कैसे मिलेगा रोजगार
इस योजना के तहत किसी को भी आवेदन करने की जरूरत नहीं है. केंद्र और राज्य सरकारें स्वयं इस योजना के लिए प्रवासी मजदूरों की विशेषता के अनुसार चयन करेंगी. यह योजना उन लोगों के लिए है जो प्रवासी हैं, जिनके पास रोजगार नहीं है.
आपकों बता दें कि गांव का प्रधान या सरपंच आपका नाम ब्लॉक कार्यालय में भेजेगा. हालांकि, सरकार ने इस योजना को लाने से पहले ही उन लोगों का आकलन कर ली है, जिन्हें रोजगार देना है. रोजगार देने का काम राज्य सरकार के अधिकारी करेंगे. मजदूरों को अपने स्थानीय अधिकारियों के अलावा ब्लॉक और तहसील के अधिकारियों से संपर्क करना होगा.
गरीब कल्याण रोजगार योजना का बजट 50 हजार करोड़ रुपये
सरकार ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान का बजट 50 हजार करोड़ रुपये रखा है. मजदूरों को उनके कौशल के अनुसार 25 प्रकार की नौकरियां दी जाएंगी. इस योजना के तहत, लोगों को बुनियादी ढांचे से संबंधित कार्यों जैसे कुओं, तालाबों या सरकारी भवनों का निर्माण, मरम्मत, मंडियों में भंडारण के लिए मजदूरी या सड़कों या नहरों की मरम्मत या निर्माण के लिए काम मिलेगा.