हैदराबाद : भारत में हर साल सात नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिससे कैंसर के लक्षणों और उपचार के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके. यह दिवस पहली बार 2014 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन द्वारा घोषित किया गया था.
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल कैंसर के 1.1 मिलियन नए मरीज मिलते हैं, जिनमें से 66 प्रतिशत से अधिक मामलों का पता आखरी स्टेज में चलता है, जिसका इलाज असंभव हो जाता है. इसलिए आवश्यक है कि हर व्यक्ति कैंसर के बारे में स्वयं को शिक्षित करे, जिससे उसे इसके लक्षणों के बारे में जानकारी हो और वह वक्त पर इलाज करवा सके.
कैंसर की मुख्य श्रेणियां
कार्सिनोमा - कार्सिनोमा (Carcinoma) सबसे आम प्रकार का कैंसर है, जो त्वचा, फेफड़े, स्तन, अग्न्याशय के साथ अन्य ग्रंथियों और अंगों में होता है.
सारकोमा - सारकोमा (Sarcoma) एक कैंसर है जो हड्डी और कोमल ऊतकों, जिसमें मांसपेशियों, वसा, रक्त वाहिकाओं, लसीका वाहिकाओं और रेशेदार ऊतक (जैसे कि tendons और स्नायुबंधन) शामिल हैं, में बनता है.
मेलेनोमा -मेलेनोमा (Melanoma) कैंसर का एक ऐसा प्रकार हैं, जों वर्णक युक्त कोशिकाओं से विकसित होता हैं, जिन्हें मेलेनोसाइट्स कहा जाता हैं. मेलेनोमा को मैलीगनेंट (घातक) मेलेनोमा भी कहा जाता हैं. मेलेनोमा ज्यादातर त्वचा में ही होता है.
लिम्फोमा - लिम्फोमा (Lymphoma) एक प्रकार का कैंसर है जो इम्यून सिस्टम की इंफेक्शन से लड़ने वाली कोशिकाओं में होता है, जिन्हें लिम्फोसाइट्स कहा जाता है. ये कोशिकाएं हमारे लिम्फ नोड्स (Lymph nodes), प्लीहा, थाइमस, अस्थि मज्जा (Bone marrow) और शरीर के अन्य हिस्सों में होती हैं. जब आप लिम्फोमा से ग्रस्त होते हैं, तो लिम्फोसाइट्स तेजी से बदलने लगते हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगते हैं.
ल्यूकेमिया -श्वेतरक्तता या ल्यूकीमिया (leukemia) रक्त का कैंसर है.
कैंसर के मामलों पर एक नजर कैंसर के लक्षण
हर प्रकार के कैंसर के अपने अलग लक्षण होते हैं, लेकिन कुछ लक्षण सामान्य होते हैं, जिन्हें चिकित्सकीय ध्यान की आवश्यकता होती है. हालांकि, यह ध्यान में रखना चाहिए कि इन लक्षणों की उपस्थिति का मतलब कैंसर हो यह जरूरी नहीं, इसलिए डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए. जानिए कैंसर के कुछ ऐसे ही लक्षणों के बारे में...
- खून वाली लार आना
- मल में खून आना
- अस्पष्टीकृत एनीमिया
- स्तन गांठ या स्तन स्त्राव
- अंडकोष में गांठ
सात नवंबर को क्यों मनाया जाता है यह दिवस?
यह दिन भौतिकी में 1903 के नोबेल पुरस्कार की विजेता मैरी क्यूरी (मैरी स्कोलोडोवस्का क्यूरी) की जयंती के साथ मनाया जाता है. मैरी क्यूरी को रेडियम और पोलोनियम की खोज के लिए याद किया जाता है. इसके साथ उन्हें कैंसर के खिलाफ लड़ाई में योगदान के लिए भी जाना जाता है. उनके योगदान में कैंसर के इलाज के लिए परमाणु ऊर्जा और रेडियोथेरेपी का विकास आता है.
एक नजर में विश्व कैंसर रिपोर्ट 2018
- विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार 10 में से एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर होता है.
- विश्व कैंसर रिपोर्ट ने कहा कि 2018 में भारत में कैंसर के लगभग 1.16 मिलियन नए मामले दर्ज किए गए जिनमें से 784,800 कैंसर मरीजों की मौत हो गई.