नई दिल्ली : दूरदर्शन का पहला प्रसारण 15 सितंबर 1959 को शुरू किया गया था. भारत सरकार ने दिल्ली में दूरदर्शन (डीडी) को भारत के सार्वजनिक सेवा प्रसारक के रूप में लॉन्च किया. पांच किलोवाट के ट्रांसमीटर और एक स्टूडियो के साथ प्रयोग के रूप में शुरू डीडी 1982 में राष्ट्रीय प्रसारक बन गया.
प्रतिष्ठित लोगो
डीडी के लोगो को 1970 के दशक की शुरुआत में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (एनआईडी) के पूर्व छात्र देवाशीष भट्टाचार्य द्वारा डिजाइन किया गया था. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एनआईडी सबमिशन से डिजाइन चुना. मई 2019 में प्रसार भारती ने भारत की सार्वजनिक सेवा के प्रसारण के टीवी विंग ने डीडी के नए पांच लोगो के लिए प्रस्तुतियां प्रस्तुत कीं.
दूरदर्शन की शुरुआत
1959: तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने डीडी को दिल्ली में एआईआर स्टूडियो में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया. सप्ताह में दो बार सामाजिक शिक्षा पर एक घंटे के कार्यक्रमों का प्रसारण हुआ करता था.
1965: दैनिक प्रसारण सुबह और शाम शो के साथ शुरू हुआ. पांच मिनट के समाचार बुलेटिन के टेलीकास्ट की अवधि आने वाले वर्षों में चार घंटे तक हो गई.
1975: डीडी प्रसारण का विस्तार मुंबई और अमृतसर सहित सात और शहरों तक हुआ.
1976: आकाशवाणी और दूरदर्शन अलग-अलग विभाग बने.
1982: राष्ट्रव्यापी टेलीकास्ट शुरू हुआ. रंगीन टीवी भारतीय घरों तक पहुंचा.
1984: डीडी नेटवर्क में अधिक चैनल शामिल हुए, डीडी 2 (अब डीडी मेट्रो) की शुरुआत हुई.
1991: केबल टीवी और निजी चैनलों ने बाजार में प्रवेश किया.
2004: डीडी ने डीडी फ्री डिश की शुरुआत की और भारत की एकमात्र मुफ्त डीटीएच सेवा शुरू की.
2016: डीडी फ्री डिश अपनी डीटीएच सेवा पर अधिक फ्री-टू-एयर चैनलों की अनुमति देने के लिए इनसैट-4बी से जीसैट-15 उपग्रह का उपयोग किया.
लैंडमार्क शो
1967: ग्रामीण दर्शकों और किसानों के लिए 'कृषि दर्शन' तैयार किया गया, गणतंत्र दिवस पर प्रसारण के साथ शुरुआत हुई. साथ ही 1967 में दूरदर्शन भारत में सबसे लंबे समय तक चलने वाला टीवी कार्यक्रम बन गया.
1976: डीडी ने अपना पहला टीवी धारावाहिक 'लाडू सिंह टैक्सीवाला' प्रसारित किया. जिसमें अभिनेता कंवरजीत पेंटल ने अभिनय किया.
1982: 'चित्रहार' की शुरुआत, रंगोली ने छह साल बाद टीवी स्क्रीन को हिट किया.
1984: भारत को 'हम लोग' के रूप में अपना पहला सोप ओपेरा मिला, जो एक मध्यमवर्गीय परिवार पर केंद्रित था. इसमें कथावाचक के रूप में अभिनेता अशोक कुमार थे.
1987-1990: रामानंद सागर के रामायण (1987-88) और बीआर चोपड़ा की महाभारत (1988-90) को उच्च दर्शक और विज्ञापन राजस्व मिला. 'मालगुडी डेज' (लेखक- आरके नारायण की लघु कथाओं की पुस्तक पर आधारित) 1987 में चैनल पर प्रसारित हुआ.
1994: काल्पनिक धारावाहिक 'चंद्रकांता' का डीडी नेशनल पर प्रसारण शुरू (हर रविवार को).
1997: डीडी नेशनल पर सुपरहीरो शो 'शक्तिमान' शुरू हुआ. इस शो के अभिनेता मुकेश खन्ना थे. उनके खतरनाक स्टंट की नकल करने वाले बच्चों के साथ हुए हादसों की वजह से मुकेश खन्ना विवादों में घिर गए थे.
दूरदर्शन पर सबसे पहले
1965 (प्रतिमा पुरी): डीडी पर पांच मिनट के बुलेटिन शुरू करने पर भारत की पहली न्यूजरीडर बनीं.
1989 (शाहरुख खान): डीडी नेशनल पर प्रसारित होने वाली टीवी सीरीज 'फौजी' के साथ अपना स्क्रीन डेब्यू किया.
करेन ल्यूनेल (Karen Lunel): डीडी पर प्रसारित लिरिल साबुन के पहले विज्ञापन में नृत्य करती दिखाई दीं, क्योंकि यह 1985 में टीवी कमर्शियल द्वारा रिलीज होने वाला एकमात्र चैनल नेटवर्क था. ल्यूनेल जिसे उस तारीख के लिए याद किया जाता है, जिसमें उन्होंने एक झरने के नीचे नृत्य किया था. विज्ञापन एक बैकअप मॉडल के रूप में शूट पर लाया गया था.
दूरदर्शन ट्यून और पॉप संस्कृति
1976 : डीडी की धुन की रचना पंडित रविशंकर और उस्ताद अली अहमद हुसैन खान ने 1976 में की थी.
2011 : जोया अख्तर की 2011 में आई फिल्म 'जिंदगी न मिलेगी दोबारा' में अभिनेता ऋतिक रोशन ने डीडी सिग्नेचर ट्यून को रीक्रिएट किया.
2019 मार्च: डीडी न्यूज के शुरुआती संगीत थीम पर वैशाख डांसर (@Vaishakhdancer09) का एक टिकटॉक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.
दूरदर्शन टुडे
पिछले कुछ वर्षों में दूरदर्शन 36 सैटेलाइट चैनलों का संचालन करने वाला नेटवर्क बन गया है, इसके अलावा 110 से अधिक फ्री-टू-एयर DTH सेवा प्रदान कर रहा है.
ऑल इंडिया रेडियो देशभर में 66 स्टूडियो केंद्रों में विकसित हुआ है, जिसमें राज्य की राजधानियों में 17 प्रमुख स्टूडियो केंद्र और विभिन्न शहरों में स्थित 49 अन्य स्टूडियो केंद्र शामिल हैं.