चंडीगढ़: पानीपत थाना सेक्टर-13/17 के रहने वाले कुछ लोगों ने दुबई की कंपनी पर ठगी का आरोप लगाया है. लोगों मुताबिक शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कराने का झांसा देकर कंपनी से उनसे करीब 80 करोड़ रुपये ठग लिए. पीड़ितों के मुताबिक फोर एक्स नाम की फर्जी कंपनी ने वेबसाइट के जरिए उनको अच्छे रिटर्न का झांसा देकर इन्वेट करने को कहा था. जिसके झांसे में आकर लोग ठगी का शिकार हुए.
इस तरह के अपराध के बारे में साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा ने ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत के दौरान बताया कि लोगों के साथ ठगी करने का ये सबसे आसान तरीका है. इस तरह के बहुत से मामले लगातार सामने आते रहते हैं, इसके बावजूद फिर भी लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं.
विदेश से हुए फ्रॉड को सुलझाना नामुमकिन साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा ने कहा कि लोगों को ऐसी जगहों पर पैसा नहीं लगाना चाहिए जिसके बारे में उन्हें कुछ ना पता हो. उन्होंने कहा कि पता नहीं क्यों लोग ऐसी जगह पैसा लगाते हैं जहां उन्हें पता ही नहीं हो कि वो पैसा कहां लगा रहे हैं. जो वो पैसा लगा रहे हैं वो वापस आएगा भी या नहीं.
विदेश से हुए फ्रॉड को सुलझाना नामुमकिन उन्होंने कहा कि जो लोग ज्यादा रिटर्न आने के लालच में पड़ जाते हैं. वो लोग इस तरह की ठगी का सबसे ज्यादा शिकार होते हैं. अपराधियों के लिए ऐसे लोगों से पैसे खींचना ज्यादा मुश्किल काम नहीं होता. पानीपत वाले केस में लोगों ने दुबई की किसी कंपनी में इन्वेस्ट करने की बात कही है. इस तरह के अपराध को सुलझाना सबसे मुश्किल होता है, क्योंकि इसमें अंतरराष्ट्रीय कानून आड़े आते हैं.
विदेश से हुए फ्रॉड को सुलझाना नामुमकिन हर देश का कानून अलग होता है और एक देश की पुलिस के लिए दूसरे देश में बैठे अपराधियों पर कार्रवाई करना और अपराधों को सुलझाना बेहद मुश्किल हो जाता है. इस तरह के अपराध अगर देश में ही हों तो उसे पुलिस कुछ समय में सुलझा सकती है, लेकिन अगर ठगी दूसरे देश से की गई हो तो लोगों को न्याय मिलना काफी मुश्किल है.
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अगर वो कंपनी किसी दूसरे देश के नियमों के हिसाब से उस देश में रजिस्टर है तो इससे पीड़ित लोगों की समस्या और बढ़ सकती है, क्योंकि तब भारतीय पुलिस को उस देश को ये विश्वास दिलाना होगा कि जो कंपनी उस देश में रजिस्टर्ड है. वो फ्रॉड है. ऐसा करना बेहद मुश्किल है. जब तक उस विदेशी कंपनी का फ्रॉड साबित नहीं होगा तब तक उस पर कार्रवाई करना भी आसान नहीं है.