नई दिल्ली/पुडुचेरी : पुडुचेरी की उप राज्यपाल किरण बेदी ने मुख्यमंत्री वी नारायणसामी द्वारा उन्हें 'राक्षस' कहे जाने के बाद जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह कोई 'रबड़ स्टांप' राज्यपाल हैं, जिसका काम सिर्फ हस्ताक्षर करना है.
किरण बेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री एक प्रशासक को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं, जो मामला-दर-मामला के आधार पर उन्हें भेजी जाने वाली फाइलों पर अपने विवेक का इस्तेमाल करती है.
उन्होंने कहा, 'अगर आप उप राज्यपाल से किसी बात पर स्वीकृति चाहते हैं तो आप पहले से ही स्वयं निर्णय नहीं कर सकते. फाइल को अच्छी तरह देखने के दौरान मैं अपने विवेक का इस्तेमाल करूंगी और आप मुझसे यह उम्मीद नहीं कर सकते कि मैं इस पर अपने आप हस्ताक्षर कर दूंगी.'
बेदी ने खुद को 'राक्षस' कहे जाने के विरोध में मुख्यमंत्री नारायणसामी के खिलाफ हमला जारी रखते हुए कहा, "मुख्यमंत्री 'असली राक्षसों' को नहीं पहचानते, अगर वो चाहें तो असली राक्षसों को पहचानने में मैं उनकी मदद करूंगी."
उन्होंने आरोप लगाया कि पुडुचेरी में जिस दिन से उन्होंने पदभार संभाला है, तब से कांग्रेस सरकार उन्हें अपने इशारे पर चलाना चाहती है.
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'अपमानजनक बयानबाजी कर रहे हैं' मुख्यमंत्री
उप राज्यपाल ने कहा, 'मुझसे उनकी जो उम्मीदें थीं, शुरू से ही वो उनके उलट रहे. हो सकता है, वे इसके उलट व्यवहार के आदी रहे हों.'
उन्होंने कहा, 'जब मैंने उन्हें यह एहसास दिलाया कि मैं कोई रबड़ स्टांप राज्यपाल नहीं हो सकतीं, जो सिर्फ हस्ताक्षर करे, तब उन्होंने मेरे खिलाफ अशोभनीय, असभ्य और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.'
बेदी ने कहा कि इस मुद्दे को वह अपनी मासिक रिपोर्ट में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के सामने उठाएंगी.
उन्होंने कहा कि लंबे समय से उनके राजनीतिक विरोधी उनके खिलाफ अपमानजनक बयानबाजी कर रहे हैं, पोस्टर चिपका रहे हैं, कार्टून बना रहे हैं और उनके अशोभनीय कैरिकेचर बनाकर प्रदर्शित कर रहे हैं. वह इससे पहले भी केंद्र और उसके कैबिनेट सहयोगियों से नारायणसामी के खिलाफ शिकायत कर चुकी हैं, लेकिन अब तक उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है.
बेदी ने कहा, 'एक तरफ कांग्रेस सरकार पुडुचेरी के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग कर रही है तो दूसरी तरफ उसके नेता संवैधानिक प्रावधानों के तहत मौजूदा उप राज्यपाल को मिले अधिकारों एवं जिम्मेदारियों को स्वीकारना नहीं चाहते हैं.'