हैदराबाद : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी प्रसिद्ध राष्ट्रवादी और सामाजिक विचारक गोपाल कृष्ण गोखले के विचारों से काफी प्रभावित थे. गांधीजी गोखले से सामाजिक सुधार के क्षेत्र में और खासकर शिक्षा के क्षेत्र में बेहद प्रभावित थे. गांधी ने इस मुद्दे पर गोखले को उद्धृत करना पसंद किया. आज देश की प्रमुख आवश्यकता शिक्षा है. शिक्षा से मेरा तात्पर्य प्राथमिक शिक्षा से तात्पर्य यह है कि रूढ़िवादी सोच को खत्म करना है, लोगों को अपने अधिकारों के बारे में जानना चाहिए. इसके साथ लोगों को अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के बारे में भी जानना चाहिए.
आत्मसम्मान का विकास
दक्षिण अफ्रीका में जब गांधीजी के साथ पक्षपात हुआ तो इसके बाद उन्हें आभास हुआ कि गरीब लोगों में भी देशभक्ति की भावना होती है. नतीजन जब वह भारत लौटे तो निचले तबके को देखकर उन्हें आत्मग्लानि महसूस हुई, जो डर की भावना से समाज में जीवन व्यतीत करते हैं.
आत्मनिर्भरता
आत्मनिर्भरता की प्राप्ति में गांधी का विश्वास उनके सामाजिक दर्शन का एक आधार था. केवल महत्वपूर्ण मामलों में आत्मनिर्भर होने से ही कोई व्यक्ति या राष्ट्र अपनी स्वतंत्रता की रक्षा कर सकता है और एक सम्मानजनक अस्तित्व बनाए रख सकता है.
ग्रामीण जीवन का पुनर्गठन
गांधीजी ने सामाजिक क्षेत्रों में गांवों के पुनर्जीवन को केंद्रीय क्षेत्र के रूप में माना, क्योंकि गांव में रहने वाले भारतीयों की अत्यधिक संख्या थी. उनका मानना था कि भारत की आत्मा गांव में बसती है. उन्होंने स्पष्ट रूप से समझा कि आत्मनिर्भरता का सिद्धांत ग्रामीण क्षेत्रों के कल्याण की कुंजी है.