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अगले सप्ताह हो सकती है कोर कमांडर स्तर की सातवीं बैठक, शीर्ष नेतृत्व में बदलाव

भारतीय सेना और पीएलए के बीच सातवें कोर कमांडर स्तर की बैठक से पहले लद्दाख में भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव किया गया है. सातवें कोर कमांडर स्तर की बैठक अगले सप्ताह आयोजित होने की उम्मीद है. भारत-चीन सीमा विवाद के नए घटनाक्रमों के बारे में बता रहे हैं ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ...

India-China border dispute
भारत-चीन सीमा विवाद

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Published : Sep 30, 2020, 9:32 PM IST

नई दिल्ली :भारतीय सेना और चीनी सेना (पीएलए) के बीच सातवें कोर कमांडर स्तर की बैठक से पहले लद्दाख में भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव किया गया है. सातवें कोर कमांडर स्तर की बैठक अगले सप्ताह आयोजित होने की उम्मीद है. अब तक पीएलए के साथ वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14 कोर के कमांडर रहे लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह को देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की कमान सौंप दी गई है. ईटीवी भारत को सूत्र ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन के अलावा भारत के विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव के साथ इस बार भी लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह मौजूद रहेंगे.

आईएमए का कार्यभार संभालने में देरी की उम्मीद

जनरल हरिंदर सिंह को जल्द ही देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के कमांडेंट के रूप में अपना अगला कार्यभार संभालना है. जनरल मेनन 14 कोर के कमांडर के रूप में कार्यभार संभालेंगे. इसीलिए 21 सितंबर को हुई बैठक में जनरल मेनन को शामिल किया गया था, ताकि वे स्थिति से परिचित हो सकें. आईएमए के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जयवीर सिंह नेगी आज (बुधवार को) सेवानिवृत्त हो गए. सातवें कोर कमांडर स्तर की बैठक के कारण जनरल हरिंदर सिंह के आईएमए का कार्यभार संभालने में देरी की उम्मीद है.

अब तक हुईं छह बैठकें बेनतीजा रहीं

6 जून, 22 जून, 30 जून, 14 जुलाई, 2 अगस्त और 21 सितंबर को कोर कमांडर स्तर पर हुईं छह बैठकें अब तक बेनतीजा रही हैं. इसी बीच 1959 में तत्कालीन चीनी पीएम चाउ एन लाई द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को लिखे पत्र का हवाला देते हुए चीन उसके अनुसार विवाद सुलझाने की मांग कर रहा है. मंगलवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 1959 के प्रस्ताव को प्रधानता दी. चीनी प्रवक्ता ने कहा कि चीन लद्दाख को भारत के केंद्र शासित क्षेत्र के रूप में मान्यता नहीं देता है. साथ ही वहां भारत के सैन्य बुनियादी ढांचा निर्माण पर भी आपत्ति जताई.

टकराव बढ़ाने का यह स्पष्ट प्रयास
चीन का टकराव बढ़ाने का यह स्पष्ट प्रयास दिखता है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 1,00,000 से अधिक सैनिक तैनात हैं. टकराव को दूर करने के लिए सैन्य बातचीत के अलावा संबंधित रक्षा मंत्रियों, विदेश मंत्रियों और विशेष प्रतिनिधियों के बीच बैठकों की झड़ी लग गई है, मगर बात नहीं बनी. भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य प्रणाली की बैठक आज (30 सितंबर) को 19वीं बार हुई और एलएसी के वर्तमान स्थिति की समीक्षा की.

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