त्रिवेंद्रमः ओणम केरल का प्रमुख त्यौहार है. इसे केरलवासी बड़े धूमधाम से मनाते हैं. वार्षिक फसल उत्सव 'ओणम साध्या' या पारंपरिक ओणम पर्व के साथ कोल्लम जिले के सस्तमकोट्टा मंदिर में बंदरों का समूह पिछले 35 वर्षों से स्वादिष्ट भोजनों का आंनद विनम्रता से ले रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार बंदरों को शाही बागान के पत्तों पर विनम्रता से भोजन परोसा जाता है.
भोजन पहले बंदरों के नेता एंड्रयूज को परोसा गया. जब नेता ने व्यंजन चख लिया तो उसके बाद अपने पूरे समूह को पेड़ों से उतर कर भोजन करने के लिए बुलाया. इस सामूहिक दावत को 'वानरभोज साधना' कहा जाता है. स्थानीय लोग इस पारंपरिक प्रथा को देखने के लिए मंदिर का चक्कर लगाते हैं.
माना जाता है कि जिले के मूल निवासी अरविंदक्षन नायर ने इस रिवाज को शुरू किया है और तब से यह हर ओणम के दिन होता है.