तिरुवनंतपुरम : नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में केरल के विशेष सशस्त्र पुलिस बटालियन (एसएपीबी) से 25 इंसास राइफल और 12,061 कारतूस गायब होने की बात कही थी. गृह सचिव ने कैग की रिपोर्ट में किए गए खुलासों को खारिज करते हुए गृह विभाग को क्लीन चिट दे दी है.
इसके अतिरिक्त इस मामले में केरल के हाई कोर्ट में सीबीआई जांच की मांग को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसे होई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जनहित याचिका त्रिशूर के रहने वाले जार्ज वत्तुकुलम ने दायर की थी.
गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ विश्वास मेहता ने कैग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी. उन्होंने बताया कि केरल पुलिस और पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा के खिलाफ कैग की रिपोर्ट में कोई तथ्य सामने नहीं आए हैं.
कैग की यह रिपोर्ट 31 मार्च 2018 को खत्म हुए वित्त वर्ष के लिए सामान्य और सामाजिक क्षेत्र से संबंधित है और यह बुधवार को केरल विधानसभा में पेश की गयी.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 1994 के बाद से पुलिस के पास बंदूकों और कारतूसों की संख्या का सही रिकॉर्ड नहीं है.
पुलिस ने जांच में पाया कि सभी 25 राइफलों को तिरुवनंतपुरम में एआर शिविर में स्थानांतरित कर दिया गया था. यह पाया गया कि 660 इंसास (5.56 मिमी) की बंदूकें भी पुलिस चीफ स्टोर से एआर कैंप में स्थानांतरित कर दी गईं थीं.