तिरुवनंतपुरम. केरल में तीसरे छात्र के घातक कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद सरकार ने इस बीमारी को “राज्य आपदा” घोषित कर दिया है.
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने पत्रकारों को बताया कि सरकार ने कोरोना वायरस को ‘राज्य आपदा’ घोषित कर दिया है ताकि इस महामारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाएं जाएं.
इस बाबत निर्णय मुख्य सचिव टॉम जोस की अध्यक्षता वाली राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की शीर्ष समिति की बैठक में लिया गया.
चिकित्सा बुलेटिन के मुताबिक केरल में चीन और कोरोना वायरस प्रभावित देशों की यात्रा करने वाले 1,999 लोगों को निगरानी में रखा गया है. इनमें से अधिकतर को पृथक केंद्र में रखा गया है जबकि 75 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में बनाए गए विशेष पृथक वार्ड में रखा गया है.
अधिकारियों ने बताया कि जिन तीन लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनकी हालत स्थिर है और गंभीर नहीं है.
राज्य सरकार ने बताया कि दूसरा मरीज भी कोरोना वायरस के केंद्र चीन के वुहान में छात्र है और 24 जनवरी को केरल लौटा था.
भारत में इस विषाणु का पहला मामला गुरुवार को त्रिशूर में आया था जब वुहान में मेडिकल की पढ़ाई करने वाली छात्रा में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी.
स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने संक्रमण के दूसरे मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि छाल को अलप्पुझा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में बनाए गए पृथक वार्ड में रखा गया है और उसकी हालत स्थिर है.
इससे पहले दिन में स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने कोल्लम में मीडिया से कहा, 'हम पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में मरीज के नमूनों के साथ किए परीक्षण के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं.'
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक के बाद रविवार शाम को उन्होंने कहा, 'अब हमें मरीज के जांच नतीजे मिल गए हैं. अलप्पुझा के छात्र में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है.'
पहली मरीज, मेडिकल छात्रा त्रिशूर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में बने पृथक वार्ड में है.