तिरुवनंतपुरम : राज्य की पिनरई विजयन सरकार ने बुधवार को सीबीआई पर अंकुश लगाया है. सीबीआई को अब केरल में किसी भी मामले की जांच से पहले राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी. यह फैसला केरल सरकार की कैबिनेट ने लिया है.
सिर्फ नए केसों की जांच के लिए लेनी होगी परमीशन
केरल सरकार की कैबिनेट में यब भी फैसला लिया गया कि यह उन मामलों पर लागू नहीं होगा जिनकी वर्तमान में CBI जांच कर रही है. इसके साथ सीबीआई को अब से राज्य में नए मामलों में जांच के लिए राज्य की अनुमति लेनी होगी. हालांकि, यह निर्णय आपराधिक मामलों और उन मामलों को प्रभावित नहीं करेगा जो सीबीआई द्वारा उठाए जाने के लिए न्यायालय ने आदेश दिए थे. सूत्रों से यह पता चला है कि राज्य की विजयन सरकार लाइफ मिशन हाउसिंग प्रोजेक्ट में सीबीआई के दखल से नाराज थी. वहीं, जांच के बाद इस प्रोजेक्ट को फिलहाल रोक दिया गया था. जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले की सीबाईआई जांच में हस्तक्षेप किया था.
पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने दी थी सलाह
कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) पोलित ब्यूरो ने भी आरोप लगाए थे कि केंद्र सरकार राजनीतिक हितों के साथ सीबीआई की शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है. इसी वजह से पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने केरल में कम्युनिस्ट सरकार को सुझाव दिया था कि वह सरकार की सहमति के बिना राज्य में सीबीआई जांच की अनुमति न दे. इसके बाद राज्य मंत्रिमंडल ने बैठक की और सीबीआई जांच के लिए सामान्य सहमति वापस लेने का निर्णय लिया. अब से CBI को आपराधिक मामलों और कोर्ट द्वारा आदेशित मामलों के अलावा केरल में सभी नई जांच के लिए राज्य सरकार से अग्रिम अनुमति की आवश्यकता होगी. सीबीआई भारत में दिल्ली पुलिस विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1964 के अनुसार राज्यों में मामलों को लेने के लिए अधिकृत है. अधिनियम के अनुसार सीबीआई भारत में कहीं भी मामले ले सकती है. इसी समय, उसी अधिनियम में एक खंड भी है जो राज्यों को विशेष राज्य में मामलों को लेने से सीबीआई को प्रतिबंधित करने में सक्षम बनाता है.
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इन राज्यों में भी लेनी पड़ती है सीबीआई को इजाजत
हालांकि, राज्य सीबीआई को उन जांचों को जारी रखने से रोक नहीं सकता है, जो उसने पहले ही शुरू कर दी है. राजस्थान ने सीबीआई जांच के लिए आम सहमति को भी वापस ले लिया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि केंद्र की भाजपा सरकार निहित राजनीतिक हितों के साथ सीबीआई, केंद्रीय जांच एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है. बता दें, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी सीबीआई को जांच से पहले राज्य सरकार से परमीशन लेनी होगी.