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'कृषि कानून के समर्थन या विरोध में', भाजपा नेता राजगोपाल ने दी सफाई - bjp leader rajagopal farm bill

केरल विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ आज प्रस्ताव पारित हुआ. भाजपा के एकमात्र विधायक ओ राजगोपाल द्वारा इस प्रस्ताव का समर्थन करने पर विवाद हो गया है. हालांकि, राजगोपाल ने दावा किया है कि वह कृषि कानून के समर्थन में हैं. उनके बारे में जो खबरें चल रहीं हैं, वह आधारहीन हैं. पढ़िए पूरा मामला.

ओ राजगोपाल
ओ राजगोपाल

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Published : Dec 31, 2020, 4:13 PM IST

Updated : Dec 31, 2020, 4:47 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है. भाजपा के एकमात्र विधायक ओ राजगोपाल के समर्थन की भी खबरें आईं. हालांकि, राजगोपाल ने इन खबरों का खंडन कर दिया है. उनका कहना है कि वह कृषि कानून के समर्थन में हैं.

पहले राजगोपाल की ओर से बयान आया था कि चर्चा के दौरान कृषि कानूनों के खिलाफ संकल्प में किए गए कुछ संदर्भों का विरोध किया, लेकिन कृषि कानूनों के खिलाफ सदन द्वारा आम सहमति पर आपत्ति नहीं है.

उनके इस बयान के बाद केरल भाजपा के नेताओं ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया. वरिष्ठ भाजपा नेता केएस राधाकृष्णन ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि राजगोपाल को सदन में अपना विरोध जताना चाहिए था.

मामला ने जैसे ही तूल पकड़ा, राजगोपाल बैकफुट पर आ गए. उन्होंने कहा कि मैंने केंद्र सरकार का विरोध नहीं किया. मैंने विधानसभा में कहा कि कृषि कानूनों किसानों के लिए बहुत फायदेमंद हैं. केंद्र सरकार के खिलाफ मेरा जो भी बयान दिखाया जा रहा है, वह निराधार है.

केरल विधानसभा के विशेष सत्र में गुरुवार को मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने प्रस्ताव रखा, जिसे सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ), विपक्षी कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) ने समर्थन दिया.

भाजपा के प्रदेश प्रमुख के. सुरेंद्रन ने मीडिया से कहा कि मैंने राजगोपाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं देखी है, न ही मुझे पता है कि उन्होंने क्या कहा है. मैं उनसे बात करूंगा और आपको बताऊंगा.

भाजपा में कृषि कानूनों पर दो राय के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि आप क्या कह रहे हैं ? केरल के भाजपा नेताओं के बीच कृषि कानूनों पर कोई दो राय नहीं है.

भाजपा के राज्य महासचिव एम.टी. रमेश ने मीडिया को बताया कि राजगोपाल एक वरिष्ठ नेता हैं और मैंने नहीं सोचा था कि वे इस प्रस्ताव का समर्थन करेंगे. उन्होंने पहले कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाए जाने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध किया था. उसके बाद पता नहीं क्या हुआ. मुझे पता करने दीजिए, फिर मैं आपको बताता हूं.

एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी सचमुच सदमे में है. हमें नहीं पता कि इस स्थिति में क्या करना है. भाजपा इस मामले में फैसला लेगी.

राजगोपाल केंद्र की वाजपेयी सरकार में रेल, रक्षा और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री रह चुके हैं. वह केरल विधानसभा में प्रवेश करने वाले पहले भाजपा नेता हैं.

Last Updated : Dec 31, 2020, 4:47 PM IST

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