नई दिल्ली : कोरोना महामारी के कारण दिल्ली में 905 लोगों की मौत हो चुकी है. महामारी को लेकर दिल्ली सरकार की रणनीति के बारे में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'यह एक-दूसरे से लड़ने और राजनीति करने का समय नहीं है.'
केजरीवाल ने कहा कि कोरोना वायरस को हराने के लिए सभी सरकारों और संगठनों को एक साथ खड़े होने का समय है. उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'मेरा COVID-19 का जांच परिणाम निगेटिव आया है. मैं सभी को उनकी शुभकामनाओं और आशीर्वाद के लिए धन्यवाद देता हूं.'
उन्होंने कहा कि हर किसी की सुरक्षा के लिए, सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ावा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऑड-ईवन स्कीम की तरह मास्क का इस्तेमाल भी जन आंदोलन बनना होना चाहिए.
उप राज्यपाल अनिल बैजल द्वारा दिल्ली सरकार के फैसले को बदलने पर केजरीवाल ने कहा, 'उप राज्यपाल के निर्देशों को पत्र को इसकी भावना के अनुरूप लागू किया जाएगा. यह असहमति या तर्क करने का समय नहीं है.'
पढ़ें :दिल्ली : मुख्यमंत्री केजरीवाल को राहत, कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव
बता दें कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मूल निवासियों के लिए अस्पतालों को आरक्षित करने का फैसला किया था. बाद में उपराज्यपाल ने इसे असंवैधानिक करार दिया.
केजरीवाल ने कहा- एकजुटता की है जरूरत इससे पहले दिल्ली में कोरोना संक्रमण की जांच से जुड़े एक सवाल पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश टेस्ट तो करते नहीं हैं. हरियाणा कहता है कि हमारे यहां 1,000 सक्रिय मामले हैं, उत्तर प्रदेश इतना बड़ा राज्य कहता है कि 2,000-3,000 सक्रिय मामले हैं. लेकिन उनके यहां बीमार खूब हैं. उन्होंने कहा कि वहां पॉजिटिव केस हैं, अब वो लोग दिल्ली आकर ही टेस्ट कराएंगे, यहीं भर्ती होंगे तो दिल्ली में तो समस्या आएगी ही. अगर उनके यहां जरूरत नहीं है तो चिल्ला क्यों रहे हैं.
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने रविवार को एक आदेश जारी किया था, जिसमें दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली वालों के इलाज के इजाजत दी थी. लेकिन अगले ही दिन उप राज्यपाल ने इस आदेश को पलट दिया. चुनी हुई सरकार के फैसले को एलजी साहब पलट नहीं सकते, कुछ लोग ऐसा कह रहे थे.