नई दिल्ली : कोरोना संकटकाल में केजरीवाल सरकार जबर्दस्त वित्तीय संकट में घिर गई है. अब दिल्ली सरकार के पास अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं हैं. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखकर मदद मांगी है.
सिसोदिया ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र
मनीष सिसोदिया ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली सरकार के राजस्व का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दो महीने हुए हैं. इन महीनों में दिल्ली सरकार को जीएसटी से 1700 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं जबकि गत वर्ष दो महीने में 7000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे.
कोरोना काल में दिल्ली को नहीं मिली मदद
सिसोदिया ने कहा कि कोरोना संकट मे राज्य सरकारों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ा है. इससे उबरने के लिए केंद्र सरकार ने प्रत्येक राज्य को आर्थिक पैकेज दिया. लेकिन दिल्ली सरकार को कुछ भी नहीं मिला है. केंद्र सरकार यदि 5,000 करोड़ रुपये तुरंत जारी नहीं करेगी तो अधिकारी व कर्मचारियों को वेतन देने में दिल्ली सरकार के पास पैसे नहीं है.
5,000 करोड़ राहत राशि की मांग
सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने आज केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखकर तुरंत 5,000 करोड़ रुपये की राहत राशि मांगी है ताकि कोरोना संकटकाल में तमाम अधिकारी, डॉक्टर, शिक्षक व अन्य कर्मचारियो को, जो इस लड़ाई में डट कर मुकाबला कर रहे हैं, सरकार वेतन वेतन दे सके.
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का ट्वीट चालू वित्त वर्ष के लिए दिल्ली सरकार ने विधानसभा में 65,000 करोड़ रुपये का अनुमानित बजट पेश किया है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से शुरुआती दो महीने में ही दिल्ली सरकार पर वित्तीय संकट मंडराने लगा है. यह हाल पिछले सात सालों में कभी नहीं हुआ था कि दिल्ली सरकार को अपने अधिकारी व कर्मचारियों को देने के लिए पैसे न हों. राजस्व की कमी के चलते ही दिल्ली सरकार ने शराब की बिक्री पर अतिरिक्त कोरोना सेस और पेट्रोल पर अतिरिक्त वैट की दरें भी बढ़ाई हैं.