देहरादून : रंगों का त्योहार होली पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है. रंगों की धूम और पकवानों की सुगंध इस पर्व को और खास बना देती है. लेकिन त्योहार की मस्ती में हम कई बार सेहत को अनदेखा कर देते हैं. होली के दिन रंग-गुलाल के साथ सभी को मस्ती करना अच्छा लगता है. होली की मस्ती के बाद लोग अपने चेहरे से रंगों को छुड़ाते-छुड़ाते पस्त हो जाते हैं. हमेशा देखा गया है कि होली खेलने के बाद कई लोगों को आंखों में जलन तो कई लोगों की त्वचा खराब हो जाती है. ऐसे में ETV BHARAT बता रहा है कैसे आप सुरक्षित होली खेल सकते हैं...
कैसे खेलें सुरक्षित होली :
- प्राकृतिक रंग : होली खेलने के लिए बाजार में कई तरह के रंग उपलब्ध हैं. उनमें से कुछ तो बहुत ही हानिकारक होते हैं. इन केमिकल वाले रंगों से बचें और प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें.
- सूखा रंग : प्राकृतिक रंगों के साथ ही बाजार में सूखा रंग भी मिलता है. जैसे गुलाल और अबीर. सूखे रंगों का अधिक से अधिक प्रयोग करें. यह रंग आसानी से साफ हो जाते हैं. इन रंगों में पानी का उपयोग भी करेंगे तो कोई खास असर नहीं होगा.
- फूलों के रंग : पहले होली के रंग टेसू या पलाश के फूलों से बनते थे. रंग त्वचा के लिए बहुत अच्छे होते हैं क्योंकि उनमें कोई रसायन नहीं होता है.
- बहुत अधिक गहरे रंगों का इस्तेमाल न करें. इनमें केमिकल्स होने की आशंका अधिक होती है. जिससे स्किन एलर्जी, एक्जिमा और बालों से जुड़ी समस्या हो सकती है.
- ध्यान रखें कि होली का रंग आपके मुंह, नाक और आंख में ना जाए. वरना सांस लेने में दिक्कत हो सकती है और आंखों में जलन हो सकती है.
- भांग और एल्कोहल से दूर रहने में ही भलाई है. इनके सेवन से डीहाइड्रेशन होने का खतरा होता है.
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हानिकारक रंगों से कैसे बचें
- सबसे पहले आंखों को हानिकारक रंगों से बचाएं. इसके लिए चश्मा का प्रयोग करें. यह आपकी आंखों को रंग से बचाने में मदद करेगा.
- होली खेलने जाने से पहले आप अच्छे से नारियल का तेल लगाकर जाएं. तेल लगाने से किसी भी प्रकार का रंग आसानी से त्वचा पर चिपकता नहीं है और तेल होने के कारण यह अच्छे से निकल भी जाता है.
- एलर्जी से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि होली खेलने से पहले तेल या घी से त्वचा की अच्छी तरह से मसाज करें, ताकि रंगों का दुष्प्रभाव त्वचा पर न पड़े.