कोलकाता: धनशोधन के मामले में तूणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद केडी सिंह की गिरफ्तारी से पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले बुधवार को फिर से वाकयुद्ध छिड़ गया तथा विपक्षी भाजपा ने इस मामले में सत्तारूढ़ दल के नेतृत्व से पूछताछ की मांग की जबकि उसने (तृणमूल कांग्रेस ने) लंबे समय से इस नेता से किसी संबंध से इनकार किया.
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिंह को धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया है .
विपक्षी भाजपा ने मांग की है कि इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से पूछताछ की जानी चाहिए.
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने कहा, 'केडी सिंह कौन हैं? उनकी पहचान है कि वह तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद हैं. इसलिए सबसे अच्छी बात होगी कि सच्चाई सामने लाने के लिए तृणमूल कांग्रेस के नेताओं से पूछताछ की जाए.'
हाल ही में तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आये शुभेंदु अधिकारी ने सिंह की तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के साथ सौदेबाजी का दावा किया और इसकी जांच की मांग की.
विपक्षी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सिंह के साथ अपनी संलिप्तता से इनकार नहीं कर सकती है क्योंकि उसके नेताओं ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान उनके विमान का इस्तेमाल किया.
हालांकि तृणमूल नेतृत्व ने पिछले कुछ सालों से सिंह से किसी भी संबंध से इनकार किया.
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तृणमूल सांसद सौगत राय ने कहा, ' वह लंबे समय से हमसे जुड़े नहीं हैं. पिछले कुछ सालों से हमारा उनसे कोई संबंध नहीं है. यदि उन्होंने कुछ गलत किया है तो कानून अपना काम करेगा. हमारा इस संबंध में कुछ नहीं कहना है.'
केंद्रीय जांच एजेंसी ने के डी सिंह और उनसे जुड़े लोगों के परिसरों की सितंबर, 2019 में धनशोधन रोकथाम अधिनियम के दो मामलों के सिलिसले में तलाशी ली थी.
सिंह अलकेमिस्ट ग्रुप के अध्यक्ष रहे हैं. वैसे उन्होंने 2012 में इस पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन वह इस व्यापारिक ग्रुप के अध्यक्ष, एमरिटस और संस्थापक बताये जाते हैं.