दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

कांग्रेस ने फेसबुक को लिखी चिट्ठी, उच्चस्तरीय जांच की मांग की - फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग

कांग्रेस पार्टी की तरफ से फेसबुक को एक चिट्ठी लिखी गई है, जिसमें फेसबुक पर बीजेपी का पक्ष लेने का आरोप लगाया गया है. वॉल स्ट्रीट जनरल में 'फेसबुक हेट-स्पीच रूल्स कोलाइड विद इंडियन पॉलिटिक्स' हेडिंग से प्रकाशित रिपोर्ट से पूरा विवाद खड़ा हुआ है. रिपोर्ट में दावा किया गया कि फेसबुक भारत में सत्तारूढ़ बीजेपी नेताओं के भड़काऊ भाषा के मामले में नियम कायदों में ढील बरतता है. कांग्रेस ने इसके लिए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.

कांग्रेस ने फेसबुक को लिखी चिट्ठी
कांग्रेस ने फेसबुक को लिखी चिट्ठी

By

Published : Aug 18, 2020, 5:32 PM IST

नई दिल्लीः कांग्रेस पार्टी की तरफ से केसी वेणुगोपाल ने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को चिट्ठी लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस ने फेसबुक पर बीजेपी का पक्ष लेने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने इस पक्षपात के मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.

पार्टी ने कहा कि फेसबुक को तुरंत एक उच्चस्तरीय जांच समिति बनाकर फेसबुक इंडिया की लीडरशिप टीम से पूछताछ करनी चाहिए. वहीं, 2014 से नफरत वाले उन सभी पोस्ट की जानकारी दी जानी चाहिए, जिन्हें फेसबुक इंडिया ने अपने प्लेटफॉर्म पर पब्लिश करने की अनुमति दी.

वेणुगोपाल ने कहा कि आंतरिक जांच पूरी होने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने तक एक नई टीम द्वारा फेसबुक इंडिया का संचालन किया जाए. जिससे जांच प्रभावित न हो.

इस चिट्ठी में वॉल स्ट्रीट जनरल के आर्टिकल का जिक्र किया गया है. केसी वेणुगोपाल ने कहा कि फेसबुक इंडिया की कर्मचारी अंखी दास ने चुनाव संबंधी कार्यों में बीजेपी को मदद पहुंचाया था.

वॉल स्ट्रीट जनरल में 'फेसबुक हेट-स्पीच रूल्स कोलाइड विद इंडियन पॉलिटिक्स' हेडिंग से प्रकाशित रिपोर्ट से पूरा विवाद खड़ा हुआ है. रिपोर्ट में दावा किया गया कि फेसबुक भारत में सत्तारूढ़ बीजेपी नेताओं के भड़काऊ भाषा के मामले में नियम कायदों में ढील बरतता है.

जुकरबर्ग को लिखी चिट्ठी में कांग्रेस नेता ने कहा है कि 'आपको पता है कि भारत यूजर्स के लिहाज से फेसबुक और वॉट्सएप के लिए सबसे बड़ा बाजार है. हमारे जैसे देशों में फेसबुक से नैतिक जवाबदेही की उम्मीद और ज्यादा हो जाती है. फेसबुक और वॉट्सएप के कई अधिकारियों से पहले भी इस तरह की शिकायतें की गईं, लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया'.

उन्होंने कहा कि भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के रूप में, जिसने राष्ट्र की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और भारत के चुनावी लोकतंत्र की स्थापना की, यह बहुत दुखद है कि आपकी कंपनी शायद उन (लोकतांत्रिक) अधिकारों और मूल्यों को कुचलने में जान-बूझकर भागीदार बनी है, जिनके लिए हमारे नेताओं ने अपनी जानें कुर्बान कर दी थीं.

कांग्रेस ने इस पक्षपात को लेकर भारत में संसदीय समिति की जांच की भी मांग की है. अन्य राजनीतिक दलों ने भी इस मामले पर आशंका व्यक्त की है. सूचना और प्रौद्योगिकी पर बनी संसदीय स्थायी समिति के प्रमुख शशि थरूर ने सुनिश्चित किया है कि वह इस मामले को देखेंगे और समिति इन आरोपों पर फेसबुक से भी राय लेगी.

हालांकि, एक दिन पहले फेसबुक ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि वह अभद्र भाषा और सामग्री को प्रतिबंधित करता है और किसी की राजनीतिक स्थिति की परवाह किए बिना विश्व स्तर पर इन नीतियों की जानकारी देता है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को फेसबुक पर संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा-आरएसएस फेसबुक और वॉट्सएप को फर्जी समाचार, नफरत फैलाने के लिए और मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नियंत्रित कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें -फेसबुक ने लॉन्च किया एजुकेटर हब, शिक्षकों को मिलेगी मदद

ABOUT THE AUTHOR

...view details