बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस-जद(एस) की सरकार मंगलवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने में विफल रही और सरकार गिर गई. इसी के साथ राज्य में करीब तीन हफ्ते से चल रहे राजनीतिक ड्रामे का अंत हो गया.
बीजेपी के यदियुरप्पा ने कुमारस्वामी सरकार के गिरने पर कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है. जनता कुमारस्वामी सरकार से तंग आ चुकी थी. अब बीजेपी की सरकार आने पर जनता विकास का अनुभव करेगी.
फ्लोर टेस्ट में क्या हुआ, जानें
विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने ऐलान किया कि 99 विधायकों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया है जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मत दिया है. इस प्रकार यह प्रस्ताव गिर गया. कुमारस्वामी ने अपना इस्तीफा गवर्नर को सौंप दिया है. राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.
दो बार सीएम बने पर कभी कार्यकाल पूरा नहीं हुआ
एचडी कुमारस्वामी की किस्मत ने एक बार फिर उनका साथ नहीं दिया. वह दोबारा कर्नाटक के सीएम के रूप में अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. इससे पहले वह 21 महीने तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे और इस बार सिर्फ 14 महीने ही वह सरकार चला पाए. विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर मतदान में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार गिर जाने के बाद कुमारस्वामी ने मंगलवार देर शाम राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
येदियुरप्पा के शपथ लेने के बाद मुम्बई से लौटेंगे कर्नाटक के विधायक
मुम्बई में ठहरे कांग्रेस..जद(एस) के बागी विधायक, भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा के दक्षिणी राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद बेंगलुरु के लिए रवाना होंगे. यह जानकारी मंगलवार को पार्टी सूत्रों ने दी.
भाजपा के एक नेता ने कहा कि इस महीने के शुरू से एक आलीशान होटल में ठहरे बागी विधायक मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जदएस...कांग्रेस गठबंधन सरकार के विश्वासमत हासिल नहीं कर पाने के बाद 'बहुत खुश' हैं.
नेता ने कुमारस्वामी नीत सरकार के मंगलवार शाम कर्नाटक विधानसभा में विश्वासमत हासिल नहीं कर पाने की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘उन्हें (बागी विधायकों) वह मिल गया जो वे चाहते थे.’’
उन्होंने कहा कि विधायक येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद मुम्बई से रवाना होंगे.
बागियों ने इससे पहले इससे इनकार किया था कि उनके इस्तीफों और सरकार से समर्थन वापस लेने में भाजपा की कोई भूमिका है.
कुमारस्वामी नीत सरकार के भविष्य का फैसला करने वाले महत्वपूर्ण शक्तिपरीक्षण से पहले येदियुरप्पा ने आरोप लगाया था कि सत्ताधारी गठबंधन यह जानने के बावजूद अनावश्यक देरी कर रहा है कि सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों को जारी व्हिप किसी काम का नहीं है.