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कर्नाटक विधानसभा कल तक स्थगित, रातभर सदन में रहेंगे BJP विधायक

एचडी कुमारस्वामी (फाइल फोटो)

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Published : Jul 18, 2019, 8:27 AM IST

Updated : Jul 18, 2019, 10:37 PM IST

22:33 July 18

राज्यपाल ने दिए CM को निर्देश

राज्यपाल वजुभाई वाला ने मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि कल दोपहर 1:30 बजे तक उनकी सरकार को सदन में अपनी बहुमत साबित करनी होगी. 

18:35 July 18

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वहीं प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और पूर्व सीएम येदियुरप्पा ने कहा है कि बीजेपी के सभी विधायक सदन में ही सोएंगे. जब तक विश्वास मत पर फैसला नहीं हो जाता हम दिन और रात सदन में ही रहेंगे.

18:24 July 18

कांग्रेस सांसद एच के पाचिल

कर्नाटक के कांग्रेस विधायक एचके पाटिल ने विधानसभा में कहा, 'संविधान के अनुसार राज्‍यपाल को सदन की कार्यवाही में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है. मैं उनसे निवेदन करता हूं कि वह इस मामले में हस्क्षेप न करें.'
 

18:12 July 18

विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने किया प्रदर्शन

सदन में प्रदर्शन करते कांग्रेस विधायक

कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने विधायक श्रीमंत पाटिल की तस्‍वीर के साथ प्रदर्शन किया. गौरतलब है कि श्रीमंत से पहले कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था लेकिन बाद में वह मुंबई के एक अस्‍पताल में भर्ती पाए गए.

बता दें, कांग्रेस ने भाजपा पर उनके पार्टी विधायकों को परेशान करने का आरोप लगाया है. 

17:30 July 18

येदियुरप्‍पा ने विश्वास मत आज ही होने पर जोर दिया

सदन के में जारी बरस के दौरान की तस्वीर

कर्नाटक में भाजपा अध्‍यक्ष बीएस येदियुरप्‍पा ने विधानसभा में कहा, 'चाहे रात के 12 भी क्यों न बज जाएं लेकिन विश्‍वास मत आज ही होना चाहिए.'

17:15 July 18

BJP प्रतिनिधीमंडल ने की राज्यपाल से मुलाकात

वहीं राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा कही गई इस बात पर भाजपा ने सफाई पेश की. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने केवल अपनी इच्छा जाहिर की है. पार्टी ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है.

17:06 July 18

राज्यपाल ने लिखा स्पीकर को पत्र

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कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने विधानसभा स्पीकर के आर रमेश को पत्र लिखकर आज ही बहुमत साबित करने की बात कही है.

16:16 July 18

सदन की कार्यवाही स्थगित की गई

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कर्नाटक विधानसौधा के स्पीकर के आर रमेश ने 30 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित करने का आदेश दिया है. 

16:05 July 18

सिद्धारमैया ने बताया सरकार पर संकट

सदन में बहस के दौरान CLP नेता सिद्धारमैया

विश्वास मत पर विधानसभा में बहस के दौरान अपनी बात कहते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू होता है या फिर हमारा व्हिप काम में आता है तो दोनों ही तरफ से हमारी सरकार पर संकट बरकरार है.
 

15:45 July 18

CLP नेता से बातीचत करते हुए कुमारस्वामी

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने विश्वास मत की बहस के दौरान विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल (CLP) के नेता सिद्धारमैया से बातचीत की.

11:30 July 18

कर्नाटक विधानसभा में कुमारस्वामी सरकार का शक्ति परीक्षण

कर्नाटक विधानसभा में मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया है. इस दौरान कांग्रेस के दो विधायक विधानसभा से गैरहाजिर रहे.
कर्नाटक में बीते 15 दिन से जारी सियासी संग्राम आज खत्म हो सकता है. कुमारस्वामी ने विधानसभा में कहा कि स्पीकर की छवि खराब करने की कोशिश हो रही है. उन्होंने सवाल किया कि विपक्ष के नेता क्यों हड़बड़ी में हैं. 

कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की कुर्सी बची रहेगी या फिर जाए, इसका फैसला बस कुछ देर में होने वाला है. कुमारस्वामी ने विधानसभा में विश्वासमत पेश कर दिया है. इस दौरान कुमारस्वामी ने बीजेपी पर निशाना साधा. 

कुमारस्वामी लोकतांत्रिक सरकार के खिलाफ ड्रामा किया जा रहा ह. आ रहे, जा रहे विधायकों का सिलसिला चल रहा है. हमें कड़े कानून लाने की जरूरत है ताकि दलबदल को रोका जा सके.
 

कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हंगामा. कांग्रेस और बीजेपी विधायकों के बीच बहस हो रही है.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी को कांग्रेस-जद(एस) गठगबंधन सरकार के महज 14 महीने पूरे होने के बाद ही गुरुवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव रखना पड़ा. सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों के एक वर्ग के बागी होने के बाद राज्य में सियासी संकट पैदा हो गया है.

सत्तारूढ़ गठबंधन में संख्याबल कम होने पर कुमारस्वामी एक पंक्ति का प्रस्ताव लाये और उन्होंने कहा कि सदन ने उनके नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में विश्वास जताया.

जैसे ही प्रस्ताव लाया गया विपक्षी भाजपा नेता बी एस येद्दियुरप्पा खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि विश्वास मत की प्रक्रिया एक ही दिन में पूरी होनी चाहिए.

इस पर कुमारस्वामी ने येद्दियुरप्पा पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘विपक्ष के नेता काफी जल्दबाजी में दिख रहे हैं.’’ 

भाजपा इस बात को लेकर आशंकित है कि सत्तारूढ़ गठबंधन मतदान होने से पहले संख्याबल को मजबूत करने के अंतिम प्रयास में जितना संभव हो सके उतना समय बिताने के लिए बहस को लंबा खींचने की कोशिश करेगा.

कुमारस्वामी ने जोर दिया कि कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के बारे में संशय पैदा किया गया है और इसे देश के सामने लाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, हमें सच बताना होगा.

शक्ति परीक्षण से एक दिन पहले उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया कि कांग्रेस-जद(एस) के असंतुष्ट 15 विधायकों को राज्य विधानसभा के मौजूदा सत्र की कार्यवाही में भाग लेने के लिए बाध्य ना किया जाए.
 

11:07 July 18

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी विधानसभा पहुंचे

 कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी विधानसभा पहुंचे. उनकी सरकार आज फ्लोर टेस्ट का सामना करेगी. 

08:09 July 18

Karnataka Live news-18-07-2019-आज तय होगा कुमारस्‍वामी सरकार का भविष्‍य, विधानसभा में होगा फ्लोर टेस्‍ट

कर्नाटक विधानसभा (फाइल फोटो)

बेंगलुरू: कर्नाटक विधानसभा में आज विश्वासमत लाया जाएगा. दूसरी तरफ कर्नाटक के बागी विधायकों ने साफ कर दिया है कि वे 18 जुलाई को विश्वासमत पर चर्चा के दौरान सदन में नहीं जाएंगे.
कुमारस्वामी सरकार के लिए एक राहत की खबर है. वह यह कि कांग्रेस विधायक रामालिंगा रेड्डी ने  कहा है कि उन्होंने विधानसभा से अपना इस्तीफा वापस लेने का फैसला किया है. 

इधर कर्नाटक में 18 जुलाई को विधानसभा में विश्वासमत से पहले बुधवार को कांग्रेस-जदएस सरकार का भविष्य अधर में लटकता दिखा क्योंकि उच्चतम न्यायालय के फैसले, कि सत्ताधारी गठबंधन के भविष्य के फैसले के लिए बागी विधायकों को विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता, के बाद बागी विधायकों के सुर नरम नहीं पड़े. 

ऐसे में जबकि गठबंधन सरकार जरूरी संख्याबल हासिल करने के प्रयास में थी उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को फैसला सुनाया कि कांग्रेस-जदएस के बागी 15 विधायकों को जारी विधानसभा सत्र की कार्यवाही में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.

कर्नाटक के कांग्रेस विधायक रामालिंगा रेड्डी इस्तीफा वापस लेंगे, सरकार के पक्ष में मतदान करेंगे
कर्नाटक में संकट से घिरी गठबंधन सरकार को थोड़ी राहत देते हुए कांग्रेस विधायक रामालिंगा रेड्डी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने विधानसभा से अपना इस्तीफा वापस लेने का फैसला किया है और वह मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा रखे जाने वाले विश्वास मत के समर्थन में मतदान करेंगे.

रेड्डी ने यहां पीटीआई को बताया कि वह कल विधानसभा सत्र में शामिल होंगे और कांग्रेस के पक्ष में मतदान करेंगे। मैं पार्टी में रहूंगा और विधायक के तौर पर सेवाएं दूंगा।

पूर्व मंत्री रेड्डी समेत कांग्रेस के 13 और जेडीएस के तीन विधायकों ने अपने इस्तीफे दिये थे, वहीं दो निर्दलीय विधायकों ने भी 14 महीने पुरानी कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद से जेडीस-कांग्रेस सरकार संकट में है।

अदालत के फैसले को राजनीतिक हलकों में बागी विधायकों के लिए राहत माना गया क्योंकि इसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि उन्हें एक विकल्प दिया जाना चाहिए कि वे विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेना चाहते हैं या उससे दूर रहना चाहते हैं.

सत्ताधारी गठबंधन ने दलबदल निरोधक कानून के तहत अयोग्य घोषित करने के प्रावधान का उल्लेख करते हुए बागी विधायकों के खिलाफ व्हिप जारी करने की चेतावनी दी थी 

अदालती आदेश के बाद मुम्बई में बागी कांग्रेस-जदएस विधायकों ने कहा कि उनके इस्तीफे या सत्र में हिस्सा लेने को लेकर उनके पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता. 

कांग्रेस के बागी विधायक बी सी पाटिल ने मीडिया को जारी एक वीडियो में कहा, ‘‘हम माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय से खुश हैं, हम उसका सम्मान करते हैं.’’ 

इससे सत्ताधारी गठबंधन की उन्हें वापस अपने पाले में लाने की उम्मीदें और कम हो गई.

पाटिल के साथ कांग्रेस-जदएस के 11 अन्य विधायक भी थे जिन्होंने इस्तीफ दिया है. पाटिल ने कहा, ‘‘हम सभी साथ हैं और हमने जो भी निर्णय किया है...किसी भी कीमत पर (इस्तीफों पर) पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता. हम अपने निर्णय पर कायम हैं. विधानसभा जाने का कोई सवाल नहीं है.’’ 

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष को भी यह स्वतंत्रता दी कि वह उस समयसीमा के भीतर 15 विधायकों के इस्तीफे पर फैसला करें, जिसे वह उचित मानते हैं.

शीर्ष अदालत ने फैसला विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफे स्वीकार करने का निर्देश देने का आग्रह करने वाली बागी विधायकों की याचिका पर सुनवायी करते हुए दिया. 

कर्नाटक के विधानसभाध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार ने अपने गृह नगर कोलार में संवाददाताओं से बातचीत में बागी विधायकों के इस्तीफों पर निर्णय की उन्हें स्वतंत्रता देने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि वह संविधान के सिद्धांतों के अनुरूप जिम्मेदार तरीके से कार्य करेंगे.

विधानसभाध्यक्ष ने हालांकि उस समयसीमा के बारे में कोई संकेत नहीं दिया जिसमें वह इस्तीफों पर फैसला करेंगे.

कांग्रेस के 13 और जदएस के तीन विधायकों सहित कुल 16 विधायकों ने इस्तीफा दिया है. वहीं, दो निर्दलीय विधायकों- आर शंकर तथा एच नागेश ने गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है.

इस बीच कांग्रेस ने 13 विधायकों को अयोग्य ठहराने पर जोर दिया है जिसमें निर्दलीय आर शंकर शामिल हैं जिन्होंने अपनी केपीजेपी का उसके साथ विलय कर लिया था.

कांग्रेस के अन्य विधायकों में प्रताप गौड़ा पाटिल, बी सी पाटिल, शिवराम हेबार, एस टी सोमशेखर, बी बसावराज, आनंद सिंह, रोशन बेग, मुनीरत्ना, के सुधाकर और एमटीबी नागराज शामिल हैं.

अयोग्य ठहराने की अर्जी रमेश जरकीहोली और महेश कुमातली के खिलाफ दी गई है.

सदन में सत्ताधारी गठबंधन का संख्याबल 117 हैं..जिसमें कांग्रेस के 78, जदएस के 37, बसपा का एक और एक नामित सदस्य हैं. इसके अलावा विधानसभाध्यक्ष हैं.

दो निर्दलीयों के समर्थन से 225 सदस्यीय विधानसभा में विपक्षी भाजपा के पास 107 विधायक हैं. 

यदि 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार हो जाते हैं तो सत्ताधारी गठबंधन का संख्याबल कम होकर 101 हो जाएगा. इससे 13 महीने पुरानी कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ जाएगी.

कांग्रेस नेता एवं मंत्री डी के शिवकुमार ने कहा कि पार्टी सदन में पार्टी के सभी विधायकों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए व्हिप जारी कर सकती है और कोई भी उल्लंघन होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है.

उन्होंने भाजपा के कुछ नेताओं पर इस बारे में गुमराह करने का आरोप लगाया कि व्हिप वैध नहीं है.

कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा फैसले से खुश हैं. उन्होंने कहा कि यह बागी विधायकों के लिए एक 'नैतिक जीत' है.

उन्होंने कहा, 'मैं उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करता हूं. यह संविधान और लोकतंत्र की एक जीत है. यह बागी विधायकों की नैतिक जीत है.' 

वहीं कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय के ओदश को एक 'खराब फैसला' बताते हुए कहा कि यह दलबदलू विधायकों को संरक्षण प्रदान करने वाला और खरीद फरोख्त को बढ़ावा देने वाला प्रतीत होता है. 

विधानसभाध्यक्ष के साथ मुलाकात के बाद वरिष्ठ मंत्री कृष्णा बाइरेगौड़ा ने कहा कि शीर्ष अदालत ने कहा है कि सत्र में शामिल होना या नहीं होना विधायकों पर है, यद्यपि विधानसभा के नियम कहते हैं कि विधायकों को अपनी अनुपस्थिति के लिए अनुमति लेनी होगा. 

उन्होंने कहा, 'हमने विधानसभाध्यक्ष से पूछा है कि क्या यह छूट दी गई है.'

विश्वास मत के दौरान सदन से बाहर रह सकेंगे 15 बागी
सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कर्नाटक के बागी विधायकों की याचिका पर फैसला सुनाया. शीर्ष अदालत ने कहा कि विधायकों को सदन की कार्यवाही का हिस्सा बनने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. 
अब बागी विधायकों पर व्हिप लागू नहीं होगा और वह सदन की कार्यवाही से दूर रह सकते हैं. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद कर्नाटक में कांग्रेस व जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) गठबंधन सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. अब गुरुवार को विश्वास मत के दौरान बागी विधायकों के सदन छोड़ने के बाद गठबंधन के पास बहुमत साबित करने के लिए पर्याप्त सदस्य नहीं होंगे.

मुंबई के एक होटल में एक न्यूज चैनल से बात करते हुए जद-एस के बागी विधायक ए.एच. विश्वनाथ ने कहा, 'हम गुरुवार को विधानसभा में भाग लेने के लिए बेंगलुरू नहीं जा रहे हैं. हमें सत्र से हटने की अनुमति देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का धन्यवाद करते हैं. हम अध्यक्ष को इस्तीफा दे चुके हैं और इसके तुरंत स्वीकृत होने की उम्मीद कर रहे हैं.'

बागियों की संयुक्त याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए शीर्ष अदालत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में गठित तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही और विश्वास मत में भाग लेने के लिए उन पर कोई बाध्यता नहीं है.

विश्वनाथ ने मौजूदा राजनीतिक संकट के लिए गठबंधन के नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि बागी विधायक तो महज खराब शासन और कुप्रबंधन के कारण राज्य में फैली अराजकता को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं.

फिलहाल मुंबई में डेरा डाले 14 बागियों में से कांग्रेस के 11 और जद-एस के तीन विधायक हैं. इसके अलावा दो अन्य कांग्रेस के बागी विधायक आर. रामालिंगा और आर.रोशन बेंगलुरू में डटे हुए हैं.

Last Updated : Jul 18, 2019, 10:37 PM IST

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