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कर्नाटक : गैर-जरूरी मुकदमों के ईमेल आने से परेशान हुए चीफ जस्टिस ओका

कोरोना महामारी के दौरान गैर-जरूरी मुकदमों के ईमेल आने से परेशान हुए कर्नाटक हाईकोर्ट मुख्य न्यायधीश ए.एस. ओका ने वकीलों को चेतावनी दी कि अगर गैर-जरूरी मुकदमे इस तरह मेल किए जाते रहे तो जुर्माना लगेगा.

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Published : Jul 10, 2020, 11:09 PM IST

मुख्य न्यायधीश ने दी चेतावनी
मुख्य न्यायधीश ने दी चेतावनी

बेंगलुरु (कर्नाटक): कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ए.एस. ओका ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान आदेश दिया गया था कि सिर्फ उन्हीं मुकदमों को ईमेल करें जो बहुत जरूरी हैं. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. वकील उन केसों को भी ईमेल कर रहे हैं जो जरूरी नहीं हैं.

मुख्य न्यायधीश ने वकीलों को चेतावनी दी कि यदि गैर आपातकालीन मामले फिर से आते हैं तो उन पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा और यह राशि कोविड रिलीफ फंड में जमा कर दी जाएगी.

एक वकील ने अपने केस की तुरंत सुनवाई के लिए ईमेल में गलत भाषा का इस्तेमाल किया. एक अन्य केस में कानून के छात्र ने एक जनहित याचिका दायर की जिसमें उसने बबूल के पेड़ लगाने को चुनौती दी है. चीफ जस्टिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंस कर पूछताछ की और दोबारा ऐसा करने पर उन पर जुर्माना लगाने की चेतावनी दी.

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान देश की कोई भी अदालत हमारी तरह काम नहीं कर रही है. वर्तमान कोर्ट रजिस्ट्री भी कड़ी मेहनत कर रही है. राज्य में 36 न्यायिक अधिकारी क्वारंटाइन हैं. मांड्या जिले में 12 कोर्ट स्टाफ को कोरोना की पुष्टि हुई है.

चीफ जस्टिस ओका ने कहा कि वकील और पार्टी लगातार ईमेल भेज रहे हैं, जबकि इन मुकदमों की हाईकोर्ट रजिस्ट्री ने गैर-जरूरी बताया है. कुछ वकील सीधे मुख्य न्यायधीश को मेल कर रहे हैं. क्या न्यायधीश अपने मेल ही चेक करते रहें.

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