बेंगलुरु: कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी से विधानसभा में शुक्रवार अपराह्न डेढ़ बजे से पहले बहुमत साबित करने को कहा. गुरुवार को भारे हंगामे के बीच स्पीकर ने बिना वोटिंग करवाए विधानसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी थी.
सदन की कार्यवाही स्थगित होने से पहले, भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने घोषणा की कि उनकी पार्टी के सदस्य रातभर सदन में ही रहेंगे और विश्वास प्रस्ताव पर फैसला होने तक सदन में ही डटे रहेंगे.
उन्होंने कहा, 'संवैधानिक रूपरेखा का उल्लंघन हुआ है.' येदियुरप्पा ने कहा, 'इसका विरोध करने के लिए हम यहां सोएंगे.'
इधर राज्यपाल ने कहा कि 15 सत्तारूढ़ विधायकों के इस्तीफे और दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने से 'प्रथमदृष्या' लगता है कि सदन में कुमारस्वामी ने विश्वास खो दिया है.
सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(से) के एक वर्ग के बागी होने की पृष्ठभूमि में कुमारस्वामी ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया था. राज्यपाल ने सदन में इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित होने को ध्यान में रखते हुए समय सीमा दी.
वाला ने कुमारस्वामी को लिखे एक पत्र में कहा, 'मुझे सूचित किया गया है कि सदन की कार्यवाही आज स्थगित हो गई है. इन परिस्थितियों में मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप सदन में कल (शुक्रवार) अपराह्न डेढ बजे तक या इससे पहले बहुमत साबित करें.'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और जदसे के 15 विधायकों का इस्तीफा और दो निर्दलियों द्वारा सरकार से समर्थन वापिस लेना और अन्य परिस्थितियां ‘‘प्रथमदृष्ट्या’’ इस ओर इशारा करती हैं कि मुख्यमंत्री ने सदन में बहुमत या विश्वास खो दिया है.
कुमारस्वामी की कैबिनेट के मंत्री डी के शिवकुमार ने मुख्यमंत्री को राज्यपाल का पत्र मिलने की पुष्टि की है.
उन्होंने कहा, 'अध्यक्ष सदन का संचालन कर रहे हैं. ऐसे समय में जब राज्यपाल के कार्यालय के जरिए भाजपा मित्र दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें विधायकों को चर्चा करने का अवसर देना होगा.'