खूंटी: पद्मविभूषण करिया मुंडा ने झारखंड सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने हेमंत सरकार पर लोगों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया. लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष सह खूंटी के पूर्व सांसद करिया मुंडा ने सरना आदिवासी कोड पर कहा कि इस मुद्दे पर राज्य सरकार सिर्फ राजनीति कर रही है.
उन्होंने विधानसभा से इस संबंध में प्रस्ताव पारित करने को केंद्र की भाजपानीत सरकार को आदिवासी विरोधी साबित करने की साजिश बताया. उन्होंने कहा कि सरना एक पूजा स्थल है, इसके नाम पर धर्म कोड नहीं बन सकता है और संसद में यह बिल पास नहीं हो पाया तो सारा दोष केंद्र की भाजपा सरकार पर लगाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग राज्यों में रहने वाले आदिवासियों के पूजा स्थल को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. झारखंड में भी आदिवासियों के पूजा स्थल अलग-अलग नामों से जाने जाते हैं. इसलिए अलग धर्म कोड के लिए देश के आदिवासियों को बैठकर पहले एकमत होने की जरूरत है.
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सरना कोड की मांग सिर्फ चुनावी स्टंट
लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा कि खूंटी जिले में जिस प्रकार पत्थलगड़ी अभियान प्रायोजित था, उसी प्रकार सरना धर्म कोड की मांग भी प्रायोजित है. यह सब चुनावी स्टंट है. चुनाव के दौरान ऐसे मामले तेजी से उठाए जाते रहे हैं, जो चुनाव के बाद ठंडे बस्ते में डाल दिए जाते हैं.
मुंडा ने कहा कि देश में आदिवासियों की संख्या लगभग 12 प्रतिशत है. अलग धर्म कोड के बाद आदिवासी अल्पसंख्यक हो जाएंगे और विशेष लाभ की मांग करेंगे. इसका फायदा आदिवासी से ईसाई बने लोगों के माध्यम से मिशनरी उठाने की साजिश रच रहे हैं.