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बेलगाम विवाद : शिवसेना कार्यकर्ताओं ने फूंका येदियुरप्पा का पुतला - बेलगाम को लेकर विवाद

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में बेलगाम को लेकर विवाद के फिर से भड़क जाने के बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का पुतला फूंका. इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने अप्सरा टॉकीज में एक कन्नड़ फिल्म का शो भी रोक दिया.

कन्नड़ फिल्म का शो रोका
कन्नड़ फिल्म का शो रोका

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Published : Dec 29, 2019, 10:54 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र के कोल्हापुर में बेलगाम को लेकर विवाद के फिर से भड़क जाने के बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने रविवार को यहां कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का पुतला फूंका और एक कन्नड़ फिल्म नहीं चलने दी.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कोल्हापुर से कर्नाटक जाने वाली राज्य परिवहन की बस सेवा को एहतिहयातन शनिवार आधी रात से ही बंद कर दिया गया है.

महाराष्ट्र, बेलगाम पर दावा करता है, जहां मराठी भाषी लोगों की खासी आबादी रहती है. लेकिन यह जिला अभी कर्नाटक में आता है.

हाल ही में एक कन्नड़ संगठन की ओर से महाराष्ट्र एकीकरण समिति पर की गई टिप्पणी के बाद बेलगाम को लेकर दशकों पुराना विवाद गरमा गया. महाराष्ट्र एकीकरण समिति कर्नाटक के मराठी भाषी आबादी वाले गांवों को पश्चिमी राज्य में मिलवाने के लिए संघर्ष कर रही है.

शिवसेना कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस महीने की शुरुआत में दो मंत्रियों छगन भुजबल और एकनाथ शिंदे को कर्नाटक सरकार के साथ सीमा विवाद से संबंधित मामलों पर बातचीत तेज करने के सरकार के प्रयासों को देखने के लिए समन्वयक बनाया है.

बता दें कि यह मामला लंबे समय उच्चतम न्यायालय में लंबित है. विभिन्न कन्नड़ संगठनों ने बेलगाम में शनिवार को ठाकरे का पुतला जलाकर प्रदर्शन किया था.इसके जवाब में, शिवसेना ने रविवार को कोल्हापुर शहर में एक रैली की. शिवसेना के कुछ कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय बस स्टैंड पर येदियुरप्पा का पुतला फूंका और अप्सरा टॉकीज में एक कन्नड़ फिल्म का प्रदर्शन रोक दिया.

कार्यकर्ताओं ने गांधीनगर इलाके में कुछ दुकानों पर कन्नड़ भाषा में लगे बोर्डों को भी काला कर दिया.

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शिवसेना सांसद धैर्यशील माणे और कांग्रेस के पूर्व विधायक सतेज पाटिल ने विरोध रैली में हिस्सा लिया.

केंद्रीय बस स्टैंड पर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया गया है.

महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) वर्षों से करीब 800 गांवों को महाराष्ट्र में शामिल किए जाने की लड़ाई लड़ रही है. समिति ने ठाकरे को मांगों का ज्ञापन सौंपा था.

मीडिया के एक तबके में आई रिपोर्टों के मुताबिक, कुछ दिन पहले कर्नाटक नवनिर्माण सेना के एक नेता ने कहा था कि एमईएस नेताओं को दोनों राज्यों की सीमा के बीच में गोली मार देनी चाहिए.

ठाकरे ने हाल में विधानसभा में आरोप लगाया था कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में कर्नाटक का पक्ष लिया था और महाराष्ट्र को नजरअंदाज किया था.

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