कोलकाता :भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसक राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि ऐसी घटनाएं होती भी हैं तो सीएम और उनके अधिकारियों द्वारा इसका समर्थन करना शर्मनाक और चिंताजनक है, ऐसे में लोकतंत्र कैसे जीवित रह पाएगा ? उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतंत्र में विश्वास रखती है और बंगाल को बचाने के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार है. ईटीवी भारत संवाददाता सुजॉय घोष ने विजयवर्गीय से विशेष बातचीत की.
उन्होंने कहा कि दक्षिण 24 परगना में हुई घटना के बाद पूरे बंगाल को ममता ने शर्मिंदगी की स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि बंगाल की ऐसी संस्कृति नहीं है, जिस तरीके का व्यवहार आज हो रहा है. उन्होंने कहा कि ममता, उनके कार्यकर्ताओं और राज्य की पुलिस जिस तरीके का व्यवहार कर रही है, वह उसकी निंदा करते हैं.
अपराधी और पुलिस में फर्क करना कठिन
पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था के सवाल पर विजयवर्गीय कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज रह ही नहीं गई है, यहां केवल अराजकता और गुंडागर्दी हो रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में कुछ ऐसे अपराधी हैं, जो सिविल ड्रेस में हैं, कुछ पुलिस के वेश में हैं. क्रिमिनल और पुलिस के बीच फर्क करना मुश्किल है.
कैलाश विजयवर्गीय से विशेष बातचीत पुलिस के सामने हो रही गुंडागर्दी
दक्षिण 24 परगना की घटना पर ममता बनर्जी की 'नौटंकी' वाली प्रतिक्रिया पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे एक व्यक्ति को ऐसा गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सारी दुनिया देख रही है कि टीएमसी के कार्यकर्ता और गुंडे पुलिस के सामने गुंडागर्दी कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें: बंगाल में हुए हमले पर बोले नड्डा- बुलेट प्रूफ गाड़ी की वजह से हूं सुरक्षित
ममता के भविष्य पर जनता करेगी फैसला
बकौल कैलाश विजयवर्गीय, 'हिंसक घटनाओं को लेकर ममता द्वारा स्वीकार न करने का अर्थ है कि वे इसे संरक्षण दे रही हैं, शर्मनाक है.' उन्होंने कहा कि गैर जिम्मेदाराना बयान देने के बाद उन्हें सीएम बने रहने का हक है या नहीं, इस बात का फैसला बंगाल की जनता को करना है.
नए संसद पर सवाल से पहले ममता दें 'पुराना हिसाब'
नए संसद भवन के निर्माण को लेकर खर्च की जा रही राशि पर ममता की टिप्पणी से जुड़े एक सवाल पर विजयवर्गीय ने कहा कि ममता को पहले उस राशि का हिसाब देना चाहिए, जो चक्रवात अम्फान के बाद उन्हें राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए दी गई थी. उन्होंने कहा कि मोदी ने 2200 करोड़ रुपये दिए, जो आज तक पीड़ितों तक नहीं पहुंचे. हाईकोर्ट ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया है.
अपना चेहरा छिपाने की कोशिश में ममता
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जेपी नड्डा को ममता सरकार ने रोकने की कोशिश इसलिए की, क्योंकि उनका पर्दाफाश हो जाता. उन्होंने कहा कि ममता को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए. उन्होंने कहा कि ममता को पीएम को सलाह देने की बजाय प्रदेश में कानून व्यवस्था लागू करने पर ध्यान देना चाहिए.
तानाशाही रवैया छोड़ें ममता
विजयवर्गीय ने कहा कि पीएम क्या कर रहे हैं, क्या करना चाहिए, इस संबंध में उन्हें किसी सलाह की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि ममता को अपना तानाशाही रवैया त्याग कर बंगाल में प्रजातंत्र की स्थापना करनी चाहिए. कम से कम बंगाल के सम्मान को बचाएं.
भाजपा हर बलिदान के लिए तैयार
नड्डा के काफिले पर हुए हमले के संबंध में कार्रवाई को लेकर एक सवाल के जवाब में विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र में विश्वास रखती है हिंसा की राजनीति में नहीं. उन्होंने कहा कि जरूरत तृणमूल को अपना रवैया बदलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने और बंगाल को बचाने के लिए भाजपा हर बलिदान देने के लिए तैयार है.