बेंगलुरु : चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने चेतावनी दी है अगर कोई भी मेडिकल संस्थान कोविड-19 परीक्षण की उपेक्षा करता है तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
प्रयोगशालाओं को अगले 10-15 दिनों में अपने परीक्षण संख्या को न्यूनतम 1000 नमूने प्रतिदिन तक बढ़ाना होगा. इस मामले में कोई समझौता नहीं होगा. सुधाकर ने मंगलवार को आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये यह निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी आवश्यक सहायता को बढ़ाया है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस के द्वारा कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है. अगर संस्थाएं अभी भी सरकार के साथ सहयोग करने के लिए तैयार नहीं हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी.
मेडिकल कॉलेजों के लिए एमसीआई के निर्देशों के अनुसार कोविड परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करना अनिवार्य है. फिर भी कुछ संस्थान प्रयोगशाला स्थापित करने से हिचकते हैं. राज्य में मामले बढ़ रहे हैं और लोगों की शिकायतें हैं कि परीक्षण रिपोर्ट में हफ्तों की देरी हो रही है. रिपोर्ट 24 से 30 घंटों तक पहुंच जानी चाहिए. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शालिनी रजनीश को परीक्षण की देखरेख के लिए प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है.
लैब्स को एक समर्पित डेटा ऑपरेटर नियुक्त करना चाहिए जो सभी डेटा को स्टेट डैश बोर्ड और आईसीएमआर पोर्टल पर अपलोड करेंगे. मंत्री ने 25-30 प्रयोगशालाएं जल्द से जल्द स्थापित करने के निर्देश दिए.