श्रीहरिकोटा : इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा है कि अत्यंत विश्वसनीय माने जाने वाले ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का बुधवार को '50वां' मिशन था. उन्होंने कहा कि इसी के साथ पीएसएलवी ने 'स्वर्णिम' इतिहास रच दिया है.
के सिवन ने कहा कि पीएसएलवी द्वारा पृथ्वी निगरानी उपग्रह 'रिसैट-2बीआर1' और नौ विदेशी उपग्रहों को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया, जो स्वर्णिम इतिहास है.
भारतीय अंतरिक्ष अनसुंधान संगठन (इसरो) ने पिछले दो दशक से अधिक समय में पीएसएलवी के शानदार प्रदर्शन की सराहना करते हुए इसके 50वें मिशन को 'ऐतिहासिक' करार दिया.
सिवन ने कहा, 'मैं 50वें पीएसएलवी यान सी 48 द्वारा 'रिसैट-2बीआर1' और नौ ग्राहक उपग्रहों को 576 किलोमीटर की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिए जाने की घोषणा करते हुए अत्यंत प्रसन्न हूं.'
पीएसएलवी के पांच संस्करण हैं. इसकी यात्रा का वर्णन करते हुए सिवन ने कहा कि इसकी भार क्षमता शुरू में लगभग 860 किलोग्राम तक थी जो अंतत: बढ़कर 1.9 टन तक हो गई है.
उन्होंने कहा कि इसने 52.7 टन भार अंतरिक्ष में पहुंचाया है जिसमें 17 प्रतिशत ग्राहक उपग्रह शामिल हैं.
इसरो प्रमुख ने उल्लेख किया कि यह मिशन एक और वजह से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसने श्रीहरिकोटा स्थित भारतीय अंतरिक्ष केंद्र से 75वें प्रक्षेपण के साथ एक और नए मील का पत्थर तय किया है.
सिवन ने पीएसएलवी की 26 साल की सफल यात्रा में पूर्व और वर्तमान नेतृत्व के योगदान को याद किया और उसकी सराहना की.
पीएसएलवी को 'शानदार यान' करार देते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. श्रीनिवासन ने जहां इसकी अभिकल्पना की और मूर्त रूप दिया, वहीं डॉ. जी माधवन नायर ने इसे क्रियाशील किया.