नई दिल्ली/भोपाल : मध्य प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि वे उन लोगों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे, जो सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि वे सौदेबाजी नहीं करेंगे और जो भी ऐसा करेंगे, उन्हें ऐसा करने नहीं दिया जाएगा.
ताजा घटनाक्रम में कथित तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक मंत्री समेत कांग्रेस के 19 विधायकों को बेंगलुरु ले जाकर वहां एक रिजॉर्ट आदर्श पॉम रीट्रीट में ठहराया गया है.
इधर नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद भोपाल लौटे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने आवास पर कांग्रेस विधायक दल की आपात बैठक की और देर रात उन्होंने अपने मंत्रिमंडल की भी बैठक आहूत की.
वहीं भाजपा ने मंगलवार को प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर विधायक दल की बैठक बुलाई है. समझा जाता है कि इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भाजपा विधायक दल का नेता चुना जा सकता है.
सिंधिया ले सकते हैं बड़ा निर्णय
इसी बीच सूत्रों के हवाले से यह जानकारी भी सामने आई कि ज्योतिरादित्य सिंधिया बहरहाल किसी से भी कोई बातचीत नहीं कर रहे और न ही फोनकॉल का जवाब दे रहे हैं. ऐसे में अटकलों का बाजार एक बार फिर से गर्म हो गया कि वह कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं और जल्द ही अपनी राजनीति पर कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं.
उधर दिल्ली में पिछले एक हफ्ते से डेरा जमाए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक की है. बैठक में नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद रहे.
विधायकों को लेकर चल रही उठापटक के बीच सोमवार की शाम ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली स्थित अपने आवास पर पहुंचे. चर्चा यह भी है कि बीजेपी शीर्ष नेतृत्व उनके संपर्क में है और मध्य प्रदेश कांग्रेस में टूट के भी आसार बन रहे हैं.
बीजेपी ला सकती है अविश्वास प्रस्ताव
दूसरी तरफ सूत्रों से पता चला है विधानसभा सत्र के पहले दिन बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है. गौरतलब है कि 16 मार्च से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है.
उधर मध्य प्रदेश के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम और राज्यसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की.
भोपाल लौटने के पूर्व कमलनाथ ने मीडिया से कहा कि भाजपा हमेशा ही खरीद फरोख्त की कोशिश करती है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्यसभा के उम्मीदवार पर फैसला सर्वसम्मति से लिया जाएगा.