देहरादून: माया नगरी मुंबई में अपनी अवाज का जादू बिखरने वाले जुबिन नौटियाल आज अपने पैतृक गांव क्यारी पहुंचे. जहां जुबिन ने अपने से जुड़ी यादों को ताजा करते हुए, गांव और क्षेत्र के लोगों के दु:खों को साझा किया. ये जुबिन का पहाड़ों के प्रति प्यार ही है जो उन्हें ऐसे नाजुक दौर में अपनों के बीच ले आया, जौनसार बावर के क्यारी गांव पहुंचकर जुबिन ने जरूरतमंदों की मदद करते हुए उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.
जौनसार-बावर की शांत, खूबसूरत वादियां जितनी सुकुन देती हैं, उतना ही कठिन यहां का जीवन भी है, जिसे समझते हुए जुबिन यहां हर किसी से अपनों की तरह मिले. संगीत की दुनिया में अपनी गायकी से धूम मचाने वाले जुबिन की सहजता, जमीनी जुड़ाव उनके स्वभाव में साफतौर पर झलकता है. यही कारण रहा कि बॉलीवुड के रॉकस्टार को अपने बीच पाकर क्षेत्रवासी भी काफी खुश दिखाई दिये. ये जुबिन का अपनी जन्मभूमि के लोगों से स्पेशल कनेक्शन ही था कि बिना कोई लाग लपेट के अपने इस हीरो से खुलकर वह अपनी परेशानियां को साझा कर रहे थे.
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दरअसल, लॉकडाउन के दौरान सिंगर जुबिन नौटियाल देहरादून स्थित अपने घर पर ही थे. अनलॉक-3 में मिली छूट और गांव की याद के बीच जुबिन एक बार फिर अपनों के बीच क्यारी गांव पहुंचे. जुबिन के इन खास पलों के बीच ETV BHARAT की टीम भी उनके साथ रही. इस दौरान जुबिन ने पहाड़ों के प्रति अपनी चाहत, यहां के लिए काम करने का जज्बा और हर उस पहलू पर बात की जिससे वे पहाड़ को पहचान दिलाना चाहते हैं. जुबिन नौटियाल ने कहा कि गांव की मिट्टी की खुशबू उन्हें अपने गांव की तरफ आकर्षित करती रहती है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद गांव और आस-पास के इलाकों का भ्रमण कर काफी सुकून मिला है. जुबिन ने कहा कि उन्हें ईश्वर से जो आवाज मिला है, वह क्यारी गांव की ही देने है.
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जुबिन नौटियाल ने कहा कि वह लंबे समय से अपने काम के चलते गांव से बाहर रहे. लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से जो परिस्थितियां उत्पन्न हुई हैं. उसकी वजह से अब इत्मीनान से लोगों के साथ बैठकर बातचीत कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें लग रहा है कि जैसे 8 साल बाद उन्हें छुट्टी मिली है.