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हिमाचल प्रदेश : शिमला के इस 'चीनी' का भारत के लिए धड़कता है दिल

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में रहने वाले जॉन मूल रूप से चीन के हैं. जॉन शिमला में जूतों की दुकान के मालिक हैं और वह दोनों देशों के बीच शांति चाहते हैं. उनका कहना है कि दोनों देशों की सरकारों को आपस में वार्ता कर विवाद को सुलझाना चाहिए. जॉन खुद को चीनी कम बल्कि भारतीय ज्यादा समझते हैं. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

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शिमला के इस 'चीनी' का भारत के लिए धड़कता है दिल

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Published : Jun 28, 2020, 1:28 PM IST

शिमला : भारत-चीन के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तल्खी और बढ़ गई है. दोनों देशों के सेना अधिकारी लगातार वार्ता कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है. एक तरफ लोग चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं, तो वहीं भारत में रह रहे चीनी लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

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चीनी मूल के भारतीय नागरिक जॉन की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. जॉन शिमला में जूतों की दुकान के मालिक हैं और वह दोनों देशों के बीच शांति चाहते हैं.

शिमला में ब्रिटिशकाल से ही माल रोड पर तीन से चार दुकानें चीन मूल के व्यापारियों की हैं. कई दशक पहले इनके पूर्वज यहां आए थे और अब भारत इनकी रग-रग में बस गया है. अब यह खुद को भारतीय ही मानते हैं. ये भी यही चाहते हैं कि भारत और चीन के बीच चल रहा विवाद जल्द सुलझ जाए.

शिमला के मालरोड पर स्थित जूतों की दुकान चलाने वाले जॉन मूल रूप से चीन के हैं. उनका कहना है कि सीमा पर भारत और चीन के बीच चल रहा विवाद शांत होना चाहिए. जॉन के पूर्वज भले ही चीन से आए हों लेकिन उन्हें आज तक यहां किसी भी भेदभाव का शिकार नहीं होना पड़ा.

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जॉन का मानना है कि लोगों के दिलों में बढ़ रही नफरत को प्यार और शांति से पिघलाया जा सकता है. इसके लिए दोनों देशों की सरकारों को आपस में बातचीत करनी चाहिए. शिमला के मालरोड पर ही हॉपसन एंड कॉर्पोरेशन, सी फूक चोंग एंड कॉर्पोरेशन और ताशंग एंड कॉर्पोरेशन के शू स्टोर हैं. लोगों को यहां के जूतों की खरीदारी करना पसंद है. इनके हैंडमेड शूज काफी लोकप्रिय हैं और स्थानीय लोगों के साथ ही शिमला आने वाले पर्यटक भी इन्हें खासा पसंद करते हैं.

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सरहदों पर भले ही तकरार हो, चीन भले ही भारत को आंखें दिखा रहा हो, लेकिन भारत अतिथि देवो भव: परंपरा को आज भी नहीं भूला है. भारत ने मुश्किल में हर समुदाय और मुल्क की रक्षा की है. दो देशों की दुश्मनी में भारत ने कभी दुश्मन देश के नागरिकों को तंग नहीं किया.

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