नई दिल्ली : जेएनयू मामले में वाम दल जहां भारतीय जनता पार्टी, (बीजेपी) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ( ABVP) पर हिंसा का आरोप लगा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ ABVP ने हिंसा के लिये पूरी तरह लेफ्ट पार्टियों की छात्र इकाइयों को जिम्मेदार ठहराया है और वे इसे एक बहुत बड़ी साजिश करार दे रहे हैं.
इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री श्रीनिवास से विशेष बातचीत की है.
ABVP राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री श्रीनिवास ने दी जेएनयू हिंसा पर प्रतिक्रिया श्रीनिवास ने JNU में हुई घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे ABVP के विरुद्ध षड्यंत्र बताया और इस पर उच्चस्तरीय जांच की मांग भी की.
हालांकि ईटीवी भारत से ही बातचीत में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने सीधे सीधे आरोप लगाया था कि कुछ बाहरी लोगों और ABVP के कार्यकर्ताओं ने हिंसा को अंजाम दिया.
गौरतलब है कि दो अलग अलग विचारधारा वाले छात्र संगठन एक दूसरे पर हिंसा का आरोप लगा रहे हैं. इसी बीच मंगलवार को खुद को हिंदू रक्षा दल का नेता बता रहे एक शख्स ने हिंसा की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि उसी ने जेएनयू में अपने लोगों को भेज कर यह हमला करवाया था.
इस बात पर ABVP नेता ने कहा है कि ऐसे शख्स को फौरन गिरफ्तार कर लेना चाहिए. इसके साथ ही इस बात की जांच भी होनी चाहिए कि कहीं हिंदू संगठनों को बदनाम करने के लिए यह क्षडयंत्र तो नहीं चलाया जा रहा.
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जेएनयू प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि, जेएनयू कल्चर के नाम पर कैंपस के अंदर पुलिस की इंट्री न होने देना और पुलिस की मौजूदगी पर आपत्ति जताना आज की बात नहीं है.
कैंपस के अंदर CCTV कैमरा लगाए जाने पर भी जेएनयू में विरोध प्रदर्शन हो जाते हैं, जबकि यह सुरक्षा के लिए जरूरी चीजें हैं.
ऐसे में पुलिस के अंदर संशय की स्थिति होना वाजिब है लेकिन अब कैंपस के अंदर सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए जेएनयू कल्चर के नाम पर पुलिस को रोकना बंद होना चाहिए और पुलिस को भी चाहिए कि वह इस तरह की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए तत्काल उचित कार्यवाही करे ताकि ऐसी घटनाएं आगे ना हो.
एबीवीपी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ने सरकार और पुलिस से इस पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय जांच करने की मांग की है और साथ ही सभी छात्रों से अपील की है कि वह शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें और जेएनयू कैंपस का माहौल फिर से सामान्य हो.