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जम्मू कश्मीर : 'किसी को हिरासत में लिये जाने या रिहा करने में राज्यपाल शामिल नहीं' - jammu kashmir

जम्मू-कश्मीर के प्रवक्ता ने नेताओं के हिरासत से जुड़ी प्रकाशित समाचार का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि यह समाचार पूरी तरह से झूठ और निराधार है केवल इसके माध्यम से अफवाह फैलायी जा रही है. पढ़ें पूरी खबर जाने क्या प्रकाशित हुआ था समाचार में..

सत्यपाल मलिक

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Published : Aug 28, 2019, 12:09 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 1:19 PM IST

श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर के राजभवन के प्रवक्ता ने कहा कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के साथ कोई बात नहीं की है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल किसी भी व्यक्ति को हिरासत में लेने या उनको छोड़ने के फैसले में शामिल नहीं है.

साथ ही राजभवन ने कहा कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक का पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से कोई संवाद नहीं हुआ है.

संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को केंद्र के समाप्त करने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया था.

राजभवन के एक प्रवक्ता ने यहां एक बयान में कहा, 'एक खबर प्रकाशित हुई है जिसमें कहा गया है कि राज्यपाल ने पूर्व मुख्यमंत्रियों (उमर अब्दुल्ला और मुफ्ती) से कहा है कि उन्हें उनके आवास में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, बशर्ते वे अनुच्छेद 370 को हटाने और राज्य को दो भागों में बांटने के खिलाफ घाटी में कोई भी बयान नहीं देंगे. दोनों फिलहाल हिरासत में हैं.'

उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि ये खबरें बिल्कुल 'गलत और बेबुनियाद' हैं.

प्रवक्ता ने कहा, 'जम्मू कश्मीर के राज्यपाल किसी भी व्यक्ति को हिरासत में लिये जाने या रिहा किये जाने में शामिल नहीं हैं और इस तरह के फैसले स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा किये जाते हैं. राज्यपाल की इन नेताओं से कोई बातचीत नहीं हुई है.' उन्होंने कहा कि राजभवन इस तरह की 'गलत और अपुष्ट' खबरों का प्रसार किये जाने की निंदा करता है.

(पीटीआई इनपुट)

Last Updated : Sep 28, 2019, 1:19 PM IST

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