नई दिल्ली : जनता दल यूनाइटेड (JDU) महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि सरकार को संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) पेश करने से पहले सभी हितधारकों को विश्वास में लेना चाहिए.
त्यागी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब सरकार संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में सीएबी प्रस्तुत करने का विचार कर रही है.
बता दें, इस विधेयक को लेकर अगली कैबिनेट की बैठक में चर्चा की जाएगी. इसके बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा.
मीडिया से बातचीत करते JDU महासचिव केसी त्यागी त्यागी ने इस बाबत कहा, 'कई संगठन असम और पूर्वोत्तर में CAB का विरोध कर रहे हैं. पूर्वोत्तर के लोगों को लगता है कि यह बिल उनके मौलिक अधिकारों को चुनौती देता है. इसलिए हमें उम्मीद है कि सरकार संसद में बिल पेश करने से पहले सभी हितधारकों को अपने विश्वास में लेगी.'
गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह हाल ही में गुवाहाटी में थे और उन्होंने सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सीएबी पर चर्चा भी की.
अहम बात है कि इसके पहले भी JDU पार्टी CAB को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है. पार्टी ने सभी हितधारकों के साथ उचित ढंग से बातचीत करने की बात कही है.
गौरतलब है कि भाजपा सरकार ने 16वीं लोकसभा में इस विवादास्पद विधेयक को पारित किया था, लेकिन राज्यसभा में कड़े विरोध के कारण यह विधेयक उच्च सदन में पारित नहीं हो सका था.
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केसी त्यागी ने कहा, 'अगर जरूरत पड़े तो इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भी भेजा जाना चाहिए. जेपीसी सर्वसम्मति से जो भी निष्कर्ष निकालती है, हमारी पार्टी इसका समर्थन करेगी.'
मीडिया से बातचीत करते JDU महासचिव केसी त्यागी आपकी जानकारी के लिए बता दें, नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई प्रवासियों सहित छह धार्मिक समुदायों को नागरिकता का दर्जा देता है. जो धार्मिक अभियोजन के कारण अवैध रूप से भारत आए थे.
वहीं, पैन इंडिया नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन का जिक्र करते हुए त्यागी ने कहा कि इस पर औपचारिक रूप से पहल करने के बाद ही उनकी पार्टी कुछ सोचेगी.
त्यागी ने बताया कि पैन इंडिया एनआरसी के बारे में सरकार की ओर से अभी तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है.