पटना : बिहार में होने वाले चुनावों में जाति एक बहुत बड़ा फैक्टर रहा है. यही वजह है कि इस चुनाव में भी सभी पार्टियों ने टिकट बंटवारे के दौरान जातिगत वोटों का ख्याल रखा है. नीतीश कुमार ने भी सीटों के बंटवारे के दौरान अपने कोर वोट बैंक पर फोकस किया है. जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के 'MY' समीकरण को ध्वस्त करने की पूरी कोशिश की है. शायद यही वजह है कि नीतीश कुमार ने ढाई दर्जन से ज्यादा मुस्लिम-यादव उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.
आरजेडी से आए लोगों को तवज्जो
सीटों के बंटवारे के दौरान जेडीयू ने आरजेडी के प्रभाव वाले इलाकों में ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जिससे वोटों का बिखराव हो. इसके साथ ही आरजेडी से आए लोगों को भी नीतीश कुमार ने तवज्जो दिया है. बुधवार जारी किए गए अपने 115 उम्मीदवारों की सूची में नीतीश कुमार ने हर वर्ग को साधने की कोशिश की है. चाहे वह सवर्ण हों, अति-पिछड़ों हों या फिर अल्पसंख्यक.