नई दिल्ली : केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सोमवार को नीले आकाश के लिए प्रथम अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस पर वेबिनार की अध्यक्षता की. इसमें उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा वायु प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने लोगों से इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का चयन करने का भी आग्रह करते हुए कहा कि ऐसा कर वायु प्रदूषण को बहुत तेज गति से कम करने में मदद कर सकते हैं.
इंदौर से अन्य शहरों को सीखना चाहिए
भारत में वायु प्रदूषण की समस्या को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) निगरानी की शुरुआत के बाद प्रदूषण के स्तर को आठ मापदंडों पर ट्रैक किया जा रहा है. पर्यावरण मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है. प्रधानमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में 100 शहरों की वायु गुणवत्ता में समग्र सुधार की आवश्यकता पर बल दिया था.
जावडेकर ने कहा कि भारत अब बीएस-VI मानकों पर स्थानांतरित हो गया है. देश में गुणवत्ता वाले पेट्रोल और डीजल उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जो प्रदूषण से लड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है. जनवरी 2019 में पर्यावरण मंत्रालय ने 2024 तक पीएम 10 और पीएम 2.5 में 20-30 प्रतिशत की कमी को प्राप्त करने का लक्ष्य तय करते हुए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) शुरू किया. इस योजना ने 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 102 गैर-प्राप्ति शहरों की पहचान की थी. हालांकि, बाद में 20 और शहरों को सूची में शामिल किया गया, जो हवा की गुणवत्ता पर नवीनतम डेटा प्रवृत्ति के आधार पर थे.
जावडेकर ने शहर विशिष्ट योजनाओं के साथ काम करने वाले राज्यों के विचार पर जोर देते हुए कहा कि हर शहर में प्रदूषण का एक अलग स्रोत है. विभिन्न राज्यों में ईंट भट्टों को प्रदूषण को कम करने के लिए जिग-जैग तकनीक को अपनाना चाहिए. इलेक्ट्रिक वाहन के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. कार पूल और सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि हमें अन्य शहरों से सीखना चाहिए. इंदौर 4 वर्षों से सबसे स्वच्छ शहर है. अन्य शहरों को अपनी टीमों को इंदौर भेजना चाहिए ताकि वे शहर में स्वच्छता बनाए रखने में सफल हो सकें. एनसीएपी कार्यक्रम में पहचाने गए 122 शहरों के आयुक्तों ने भी वेबिनार में भाग लिया. सम्मेलन में कहा गया कि केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और निगमों को मिलकर काम करना चाहिए.