अजमेर : महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की अजमेर स्थित 'अजमेर शरीफ दरगाह' से हर मजहब के लोगों को आपसी प्रेम का संदेश मिलता है. अजमेर शरीफ दरगाह में एक जन्नती दरवाजा है. इसे लेकर लोगों की मान्यता है कि यहां मांगी गई हर दुआ कबूल होती है. यहां उर्स-ए-मुबारक का बड़े पैमाने पर आयोजन किया जाता है. हर साल की तरह इस साल भी यहां दस दिवसीय उर्स-ए-मुबारक शुरु होने वाला है.
जन्नती दरवाजे का दीदार करने और यहां मन्नत मांगने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और अपनी मन्नत की अर्जिया लिखकर धागे के साथ दरवाजे के बाहर बांध देते हैं. बता दें, यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है.
इस मौके पर ईटीवी भारत ने अजमेर शरीफ दरगाह का जायजा लिया और यहां के लोगों से बातचीत की. इस दौरान कई जायरीनों (श्रद्धालु) ने इस दरगाह पर अपनी श्रद्धा और विश्वास का इजहार किया.
अब्दुल्लाह अली नाम के एक जायरिन ने बताया कि वह वर्षों से यहां आते हैं. उन्होंने कहा, 'मेरे पास कुछ भी नहीं था, मुझे ख्वाजा के दरबार से ही सब कुछ मिला है. अभी कुछ दिनों पहले मैं अदालती कार्रवाई को लेकर काफी परेशान था, लेकिन ख्वाजा के करम से हमारी परेशानी कम हो गई है.'