श्रीनगर : विदेशी राजनयिकों का दूसरा दल बुधवार को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचा. इस दल में यूरोपीय यूनियन (ईयू) के प्रतिनिधि भी शामिल हैं . इनमें से कुछ राजनयिकों ने मीडिया से बात करते हुए प्रतिक्रिया दी है.
धीरे-धीरे स्थिति बेहतर हो जाएगी : हंस डेनबर्ग कैस्टेलानोस
राजनयिक हंस डैनबर्ग कैस्टेलानोस ने कहा कि अनुच्छेद 370 के रद होने के बाद यहां की स्थिति सामान्य हुई है या नहीं, इसको देखने आए हैं. उन्होंने कहा कि यहां सड़कों पर चहल-पहल इस बात की तरफ इशारा दे रही हैं कि धीरे-धीरे यहां की स्थिति बेहतर हो जाएगी.
यहां के लोग घाटी में शांति चाहते हैं : ताहिर कादरी
अफगानिस्तान के राजनयिक ताहिर कादरी ने कहा कि कश्मीर आकर बहुत ही अच्छा लग रहा है. उन्होंने कहा, 'हमें यहां पर कुछ ही घंटे हुए हैं. इस दौरान हमने दुकानों को खुला देखा, बच्चों को स्कूल जाते देखा. इसके अलवा हमने यहां के लोगों से मुलाकात की. वे सभी घाटी में शांति चाहते हैं.'
अभी कुछ प्रतिक्रिया देना सहीं नहीं : वाल्टर जे लिंडनर
जर्मनी के राजनयिक वाल्टर जे लिंडनर ने कहा, 'हम यहां आए हैं और लोगों से बात करना चाहते हैं. अभी इस पर प्रतिक्रिया देना सहीं नहीं होगा. हम यहां के लोगों से बात करेंगे और फिर कुछ कहेंगे.'
इससे पहले रायनयिक दल ने श्रीनगर पहुंचकर डल झील की सैर की
. डल झील में शिकारे पर नौका विहार के दौरान राजनयिकों को काफी खुश देखा गया.
डल झील की सैर करते राजनयिक. राजनयिकों की एक टीम में जर्मनी, कनाडा, फ्रांस और अफगानिस्तान के लोग शामिल हैं.
बताया जाता है कि इस टीम के दौरे का मकसद जम्मू कश्मीर की जमीनी स्थिति का जायजा लेना है.
डल झील की सैर करते राजनयिक. भारतीय सेना राजनयिकों को जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा के बारे में भी बताएगी. उम्मीद है कि नए बने केंद्रशासित प्रदेश में आंतकवाद को बढ़ावा देने और प्रायोजित करने में पाकिस्तान की भूमिका पर भी बात की जाएगी.
श्रीनगर पहुंचे विदेशी राजनयिक. खबरों के मुताबिक, सभी राजनयिक जम्मू आने से पहले श्रीनगर में रात रुकेंगे, जहां उप राज्यपाल जीसी मुर्मू और नागरिक समुदाय से मुलाकात की उम्मीद है.
राजनयिकों के नए बैच में पोलैंड, बल्गारिया और चेक गणराज्य के यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया है और उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण है क्योंकि यूरोपीय संघ की संसद ने हाल ही में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और कश्मीर पर एक संयुक्त मसौदा प्रस्ताव लाने के लिए पहल की थी. इस पर मतदान किया जाना था, हालांकि वह टाल दिया गया.
पढ़ें : US सहित 16 देशों के राजनयिक हालात का जायजा लेने जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे
गौरतलब है कि विगत माह अमेरिकी राजनायिक समेत 15 देशों के राजदूतों ने कश्मीर दौरा किया था. इसमें अमेरिका वियतनाम,दक्षिण कोरिया, नाइजर, नाइजिरिया,मोरक्को, गुआना, अर्जेंटीना, फिलीपींस, नार्वे, मालदीव, फिजी, टोगो, बांग्लादेश, और पेरू के राजनायिक थे. इन्होंने जम्मू-कश्मीर में सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं को देखा.
कुछ राजनयिकों ने वहां की स्थिति पर संतोषजनक भाव प्रकट किया था और कहा था कि आने वाले कुछ दिनों यहां कि स्थिति सामान्य हो जाएगी.
बता दें कि अगले महीने ब्रसेल्स में भारत और ईयू की बैठक है, जिसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर भाग लेंगे.