नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 रद्द करने के बाद सरकार कई अहम मुद्दों पर विचार कर रही है. इस बीच सरकार गृह मंत्रालय के जम्मू-कश्मीर प्रभाग पर कार्य कर रही है. इसके लिए केन्द्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला विचार कर रहे हैं कि इस प्रभाग पर क्या फैसला लिया जाए. बता दें, गृह मंत्रालय का जम्मू का प्रभाग अति संवेदनशील भाग माना जाता है.
दरअसल, सरकार इस पर विचार कर रही है कि गृह मंत्रालय के जम्मू-कश्मीर प्रभाग का क्रियान्वयन कैसे और क्या होगा? क्या इसे खत्म कर दिया जाएगा या इसे बरकार रखा जाएगा?
बता दें कि गृह मंत्रालय का जम्मू-कश्मीर प्रभाग भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 तथा जम्मू-कश्मीर संबंधी संवैधानिक मामलों तथा सामान्य नीति विषयक मामलों और उस राज्य में आतंकवाद/उग्रवाद से जुड़े मामलों से संबंधित कार्य करता है. यह प्रभाग जम्मू-कश्मीर के लिए प्रधान मंत्री के पैकेज के क्रियान्वयन के लिए भी उत्तरदाई है.
गृह मंत्रालय पहुंचे भल्ला गौरतलब है, अब जम्मू और कश्मीर प्रभाग नई परिसंपत्तियों के निर्माण, मौजूदा परिसंपत्तियों के विभाजन, नई योजनाओं की स्थापना और राज्य के विभाजन के लिए पुराने पैकेजों की समीक्षा करना है.
इस संबंध में गृह मंत्रालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि भल्ला जम्मू-कश्मीर प्रभाग से जुड़े मुद्दे पर जल्द कार्रवाई करने वाले है. बता दें, जम्मू-कश्मीर को दो केन्द्र शासित राज्य लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में विभाजित किया गया है. इस कारण से यहां की प्रशासिन व्यवस्था और अन्य चीजों में बदलाव किये जा सकते हैं.
आपको बता दें, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को 31 अक्टूबर से अलग केन्द्रशासित राज्यों के अस्तित्व में आएंगे. इसलिए इसके निर्माण में गृह मंत्रालय के अधीन में यूटी डिवीजन कार्य करेगा. यूटी डिवीजन भारत भर में ऐसे सरकारी कार्यों को संभालता है, जो एमएचए के अधीन होते हैं. इसका विवरण संविधान की समर्वती सूची में है.
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वहीं गृह मंत्रालय के पास एक समस्या यह भी है कि इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) के अधिकारियों के लिए कैडर आंवटन किस प्रकार से किया जाए. किस जगह पर अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी. बता दें कि गृह मंत्रालय के पास ही कैडरों की कंट्रोलिंग अथॉरिटी होती है.
जम्मू-कश्मीर के विभाजन के बाद जम्मू-कश्मीर में कार्य करने वाले आईपीएस अधिकारियों को AGMUT (Arunachal Pradesh Goa Mizoram Union Territory) अरुणाचल प्रदेश, गोवा और मिजोरम केन्द्र शासित राज्यों का कैडर में तैनात किया जाएगा.