नई दिल्ली :जमीयत-उलमा-ए-हिंद ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में धर्मांतरण विरोधी कानून के खिलाफ की गई गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर की है. याचिका में आरोप लगाया गया कि सरकार धर्मांतरण विरोधी कानून के नाम पर मुस्लिम पुरुषों का उत्पीड़न कर रही है जो किसी व्यक्ति के मूल अधिकारों का हनन है.
सूत्रों के मुताबिक हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच मंगलवार या बुधवार को इस केस को ले सकती है. इस मामले पर जमीयत-उलमा-ए-महाराष्ट्र के महासचिव गुलजार आजमी ने एक बयान में कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों के उग्र परिजनों ने जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी से बात की और उनसे कानूनी मदद मांगी है. उन्होंने कहा कि हमने अदालत में याचिका दायर की है और हमें उम्मीद है कि पुरुषों को जल्द ही मुक्त कर दिया जाएगा.